श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर में 90 हजार करोड़ की संपत्ति है। मंदिर में सोने से बने दो नारियल हैं। मंदिर के 28 खंभों पर सोने की परत चढ़ी है। 7 मंजिला गोपुरम के शिखर सोने से जड़ें हैं
वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर के दो शिखर को महाराजा रणजीत सिंह ने सोने से जड़वाया था। तीसरे शिखर पर यूपी सरकार ने सोना लगवाया है। इस मंदिर का निर्माण 1500Kg गोल्ड से हुआ है।
वेंकट तिरुमला हिल पर बने श्री वेंकटेश्वर मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की 8 फीट प्रतिमा है। मंदिर के गर्भ गृह को सोने से सजाया गया है। मुख्य प्रतिमा कीमती पत्थरों से सजाया गया है।
मां महालक्ष्मी का मंदिर वेल्लूर गोल्डन टेंपल का मंडप, विमान सोने से सजा है। मंदिर सोने की प्लेट और परत की डिजाइन हैं। मंदिर के निर्माण में करीब 1500 किलो सोने का इस्तेमाल हुआ है।
सिद्धिविनायक मंदिर के दरवाजों पर सोने की परत चढ़ाई गई है। दरवाजों को सोने की पत्तियों से सजाया गया है। गर्भगृह में सोने की परत चढ़ी है। मंदिर की दीवारों पर शुद्ध सोने से काम हुआ है
माता वैष्णोदेवी मंदिर के प्राकृतिक गुफा के मुख्य दरवाजे पर सोने, चांदी, तांबे से काम हुआ है। इस द्वार में 11 किलो सोना लगा है। हर साल कई सौ किलो सोना चढ़ावा आता है।
सबरीमाला का भगवान अय्यपा मंदिर के गर्भगृह की छत पर सोने की परत चढ़ा है। मंदिर की छत में 32 किलो सोना और 1900 किलो तांबा लगा है। इस काम में करीब 18 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
शिरडी साई बाबा मंदिर में गर्भ गृह को कई किलो सोना लगा है। 1922 में बना यह मंदिर देश के सबसे धनी मंदिरों में आता है। हर साल यहां सोने का खूब चढ़ावा आता है।
पंजाब के अमृतसर के गोल्डन टेम्पेल के ऊपरी मंजिल के बाहरी हिस्से में 400 किलो सोने की परत जड़ा है। यह भारत के सबसे धनी मंदिरों में आता है।