Hindi

स्वामी विवेकानंद ने Tata को दिया था पैसा बनाने का मंत्र, पढ़ें किस्सा

Hindi

इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट चाहते थे स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद हमेशा ही देश में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट चाहते थे। उनका कहना था कि पश्चिमी देशों से साइंस और टेक्नोलॉजी सीखकर देश की तरक्की की जानी चाहिए।

Image credits: Social Media
Hindi

स्वामी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा की मुलाकात

1893 में शिकागो की धर्म संसद में जाते वक्त जहाज पर स्वामी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा की मुलाकात हुई थी। तब जमशेदजी टाटा भारत में स्टील प्लांट लगाने के सिलसिले में अमेरिका जा रहे थे।

Image credits: Social Media
Hindi

स्वामी विवेकानंद ने जमशेदजी टाटा से क्या कहा

दोनों महान शख्सियत के बीच आर्थिक नीतियों पर चर्चा हुई। स्वामी जी ने टाटा से कहा,जापान से आयात करने की बजाय भारत में ही प्रोडक्ट बनाए, इससे देश का पैसा यहीं रहेगा और रोजगार बढ़ेगा।

Image credits: Social Media
Hindi

जमशेदजी टाटा को विवेकानंद जी की सीख

स्वामी विवेकानंद ने जमशेदजी टाटा को भारत में ही नए उद्योग लगाने की सलाह दी। उनका मानना था कि पश्चिमी तकनीक को सीखकर ही देश की प्रगति की जा सकती है।

Image credits: Social Media
Hindi

हमेशा नया सीखने पर जोर

कोलकाता में एक भाषण में विवेकानंद जी ने कहा था,'आपके पास सुई बनाने की क्षमता नहीं। ब्रिटिश की आलोचना की बजाय उनसे कला, उद्योग सीखो। प्रौक्टिकल साइंस और भौतिक सुधार में मदद होगी।'

Image credits: Social Media
Hindi

जापान से सीखने की सलाह

विवेकानंद जी जापान से सीखने की सलाह देते थे। उन्होंने कहा था,'जापानियों ने यूरोपियंस से सबकुछ लिया, लेकिन यूरोपियंस नहीं बने जापानी ही बने रहें। इसी तरह भारतीयों को भी सीखना चाहिए'

Image credits: Facebook
Hindi

स्वामी जी ने बताया था पैसे बनाने का मंत्र

स्वामी विवेकानंद युवाओं को पैसे कमाने को लेकर अथर्ववेद का मंत्र बताते थे। 'शतहस्त समाहर सहस्त्रहस्त सं किर' मतलब सौ हाथों से पैसे कमाओ और हजार हाथों से उसे बांटो।'

Image Credits: Facebook