दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश चीन की आर्थिक हालत खराब है। जानकारों के मुताबिक, 2023 में शुरू हुई अर्थव्यवस्था में गिरावट 2024 में भी जारी है और सुधार की उम्मीद न के बराबर।
विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन की खराब अर्थव्यवस्था की वजह से कई मल्टीनेशनल कंपनियों और कर्मचारियों पर पड़ सकता है। इन कंपनियों के प्रोडक्ट्स करोड़ों लोग यूज करते हैं, जो प्रभावित होगी
चीन की खराब अर्थव्यवस्था का कारण धीमी विकास दर, कम विदेशी निवेश, कमजोर मुद्रा, कमजोर निर्यात, रिकॉर्ड बेरोजगारी और रियल एस्टेट का संकट है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीन का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा रहा है। आबादी से ज्यादा वहां घर है। पहले लोगों ने ज्यादा कीमत पर घर खरीदा। अब रियल एस्टेट में गिरावट से इकोनॉमी गिरी है
विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन में लोगों ने प्रॉपर्टी में पैसा लगाया, लॉकडाउन से वैल्यू कम हुई, लोगों की सैलरी घटी। भविष्य में अनिश्चितता के डर से लोग बचत पर फोकस और खर्च कम कर रहे हैं
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में करीब 30 करोड़ लोग कर्ज नहीं लौटा पा रहे हैं। चीन की एक रिपोर्ट में दावा किया है कि 40 करोड़ मिडिल क्लास लोग खर्च करने से बच रहे हैंष
जून 2023 की रिपोर्ट, चीन में युवा बेरोजगारी दर 21.3% है यानी करीब 3.62 करोड़ युवा बेरोजगार हैं। इनमें 16-24 उम्र वालों युवा हैं। अनुमान है कि बेरोजगारी दर अबी करीब 40% हो सकती है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने विदेशी निवेशकों को भरोसा दिया कि 'आने वाले 1 दशक में चीन में मिडिल क्लास की आबादी दोगुनी 80 करोड़ हो जाएगी, ऐसे में खपत का मोमेंटम काफी मजबूत है।'
2 साल में चीन की कामकाजी आबादी कम हुई है। विशेषत्रों के अनुसार, जनसंख्या में कमी से विकास दर सालाना 1.3% कम हो सकता है। उत्पादकता बढ़ाकर नुकसान रोका जा सकता है लेकिन