ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) सोने की शुद्धता और गुणवत्ता के लिए सर्टिफिकेट देता है। इसलिए BIS हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें, क्योंकि यह सोने की क्वालिटी की गारंटी देता है।
हमारे देश में 24, 22, 18 कैरेट शुद्धता का सोना मिलता है। चूंकि सोना काफी मुलायम धातु है, ऐसे में ज्वेलर्स 22 और 18 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में सोने का कैरेट चेक करें।
जब भी ज्वेलरी खरीदते जाएं तो उससे पहले सोना का रेट ऑनलाइन पता कर लें। क्योंकि, सोने के रेट में रोजाना उतार चढ़ाव होता रहता है। इसलिए जानकारी से फायदे का सौदा पा सकते हैं।
ज्वेलरी की डिजाइन के अनुसार, ज्वेलर्स मेकिंग चार्ज लगाते हैं। इसलिए मेकिंग चार्ज की जानकारी पहले ही लेनी चाहिए। कई बार काफी ज्यादा मेकिंग चार्ज लगने से ज्वेलरी महंगी हो जाती है।
आभूषण खरीदने से पहले ज्वेलर्स से उसकी बाय बैक पॉलिसी को अच्छी तरह से समझ लें। जिससे भविष्य में जब उसे बदलना या बेचना चाहे तो उसका सही दाम मिले।
जब भी गोल्ड खरीदने जाएं तो हमेशा किसी अच्छे और पुराने ज्वेलर्स के पास ही जाएं। ताकि सोने के रेट की सही जानकारी मिले और उसकी गुणवत्ता और शुद्धता भी सही-सही सुनिश्चित हो।
त्योहारी सीजन चल रहा है तो सभी ज्वेलर्स ऑफर और डिस्काउंट भी देते हैं। ऐसे में सही जानकारी लेकर इनका फायदा उठाएं। क्योंकि कई बार ऑफर-डिस्काउंट के चक्कर में जेब पर बोझ भी बढ़ जाता है
सोना लेने के बाद उसका कागज भी जरूर लें। बिल पर सोने की शुद्धता, वजन और मेकिंग चार्ज जैसी जानकारियां साफ-साफ लिखी हों, ताकि भविष्य में किसी तरह की समस्या न आए।