कनाडा की डायमंड माइनिंग कंपनी स्टोनॉर्वे डायमंड ने खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन दिया है। भारत-कनाडा विवाद के बाद कंपनी ने अपने ऑपरेशन को बंद करने का फैसला किया है।
स्टोनॉर्वे के दिवालिया होने को भारत के खिलाफ कनाडा के बयान से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, भारत की डायमंड इंडस्ट्री ने कनाडा से बिना पॉलिश्ड हीरों के आयात पर रोक लगा दी है।
भारत के हीरा कारोबारियों के इस फैसले का असर कनाडा की डायमंड कंपनी पर देखने को मिल रहा है। भारत के साथ आयात बंद होने के चलते कंपनी को भारी घाटा हुआ और कंपनी बंद करने की नौबत आ गई।
भारत की डायमंड इंडस्ट्री ने कनाडा की कंपनियों से बिना पॉलिश वाले डायमंड के आयात को रोक दिया है, जिसका असर अब कनाडा की डायमंड कंपनी पर दिखने लगा है और वो बंद होने की कगार पर है।
कनाडा की स्टोनॉर्वे डायमंड को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, जिसके चलते कंपनी कंगाली के दौर में पहुंच गई। अब उसने खुद को दिवालिया घोषित कराने के लिए आवेदन दिया है।
कनाडा की स्टोनॉर्वे डायमंड का कहना है कि भारत में कच्चे हीरे के आयात में रुकावट आने के चलते उसकी फाइनेंशियल कंडीशन बेहद खराब हो चुकी है।
बता दें कि स्टोनॉर्वे डायमंड के दिवालिया होने की सबसे बड़ी वजह भारत-कनाडा के बिगड़े संबंध संबंधों को ही माना जा रहा है।
बता दें कि 18 सितंबर को कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने संसद में कहा था कि खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय लोगों का हाथ है।
इस आरोप के बाद भारत ने उससे सबूत मांगे, लेकिन कनाडा नहीं दे सका। बाद में भारत ने भी सख्ती दिखाते हुए कनाडा के 41 डिप्लोमैट्स को दिल्ली छोड़ने का फरमान जारी कर दिया था।