वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए बनी कमेटी ने गुरुवार 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट 191 दिनों में तैयार हुई है, इसमें 18,626 पन्ने हैं।
एक राष्ट्र, एक चुनाव की रिपोर्ट में 47 राजनीतिक दलों ने अपने विचार समिति को बताए हैं। इसमें 32 राजनीतिक दलों ने इस तरह की प्रक्रिया का समर्थन किया है।
एक राष्ट्र, एक चुनाव का मतलब देश में सभी विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ संपन्न कराए जाए। दुनिया के कई देशों में ये व्यवस्था है। 1967 तक भारत में भी ऐसा ही होता था।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, देश में वन नेशन वन इलेक्शन लागू करने के लिए संविधान में कम से मक 18 संशोधन करने पड़ेंगे। इसके अलावा अनुच्छेद 325 और 324 ए में भी बदलाव करने पड़ेंगे।
बीबीसी को दिए इंटरव्यू में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया कि इसके लिए संविधान के 5 अनुच्छेदों में संशोधन, विधानसभाओं के कार्यकाल, राष्ट्रपति शासन प्रावधान बदलने होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक, विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए 53.76 लाख मतपत्र यूनिट, 38.67 लाख EVM की कंट्रोल यूनिट और 41.65 लाख VVPAT की जरूरत होगी।
चुनाव आयोग ने बताया कि 26.55 लाख मतपत्र यूनिट्स, 17.78 लाख कंट्रोल यूनिटिस् और 17.79 लाख VVPAT की कमी को पूरा करने के लिए 7,951.37 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी।