होली (Holi 2025) पर ट्रेन में भीड़ बढ़ने से फ्लाइट्स की डिमांड बढ़ गई है। कई एयरलाइंस ऑफर्स लेकर आई हैं। प्लेन का टिकट यात्रा की दूरी और सीजन के हिसाब से अलग-अलग होता है।
दुनिया की पहली कमर्शियल पैसेंजर फ्लाइट 1 जनवरी 1914 में उड़ी थी। तब यह एक सपने जैसा ही था। आज भी बहुत से लोगों को सपना हवाई जहाज में बैठने का है। हालांकि, आजकल यह आसान है।
पहली कमर्शियल पैसेंजर फ्लाइट की उडान अमेरिका (America) के फ्लोरिडा में दो शहरों के बीच थी, जो सेंट पीटर्सबर्ग-टैम्पा एयरबोट लाइन ने संचालित की थी।
सेंट पीटर्सबर्ग और टैम्पा के बीच शुरू हुई पहली पैसेंजर एयरप्लेन का सफर 34 किलोमीटर का था, जिसे इसने 23 मिनट में पूरी की थी।
पहला कमर्शियल पैसेंजर प्लेन उड़ाने वाले पायलट टोनी जेनस (Tony Janus) थे।
पहली पैसेंजर फ्लाइट यानी फ्लाइंग बोट विमान का वजन करीब 567 किलो था। इसे पीटर्सबर्ग ट्रेन से भेजा गया था। इस फ्लाइट की लंबाई 8 मीटर और चौड़ाई 13 मीटर थी।
दुनिया की पहली पैसेंजर फ्लाइट में सिर्फ एक यात्री ही बैठ सकता था। तब उस फ्लाइट का टिकट 400 डॉलर में नीलाम हुआ था, जो आज की कीमत में 6,02,129 रुपए तक आता है।