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मुंबई की चॉल में रहने वाले ने खड़ा किया करोड़ों का बिजनेस, कौन हैं ये

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मुंबई की चॉल में रहते थे हंसमुख ठकोरदास

हंसमुख ठकोरदास परिवार संग मुंबई की चॉल में रहते थे। पिता बैंक में कर्मचारी थे। सूरत में पैदा हुए ठकोरदास ने मुंबई से अपना ग्रेजुएशन किया। 

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कॉलेज में पढ़ाई के खर्च के लिए करते थे पार्ट टाइम जॉब

हंसमुख ठकोरदास अपने कॉलेज की पढ़ाई के लिए पार्ट टाइम जॉब किया करते थे। 

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लंदन स्‍कूल ऑफ इकनॉमिक्‍स से बैंकिंग एंड फाइनेंस की पढ़ाई की

ग्रेजुएशन के बाद पारेख यूके में पढ़ाई के लिए लंदन स्‍कूल ऑफ इकनॉमिक्‍स से बैंकिंग एंड फाइनेंस में डिग्री हासिल की। पढ़ाई कर भारत लौट आए और सेंट जेवियर कॉलेज में लेक्‍चरर बन गए।

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आईसीआईसीआई बैंक में डिप्टी मैनेजर पद से रिटायर हुए

हंसमुख ठकोरदास पारेख ने हरकिशनदास लक्ष्‍मीदास फर्म में स्‍टॉक ब्रोकिंग का काम किया और फिर वह आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक में डिप्‍टी जनरल मैनेजर बने औऱ 16 साल बाद रिटायर हुए।

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रिटायरमेंट के बाद खोली कंपनी

66 साल की उम्र में मिडिल क्‍लास लोगों के घर का सपना पूरा करने के लिए होम लोन देने वाली एक गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी बनाई और साल 1977 में एचडीएफसी (HDFC) की स्‍थापना की।

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6 साल में ही 100 करोड़ रुपये के लोन दिए

कंपनी ने शुरू होने के 6 साल में ही 100 करोड़ रुपये के लोन बांटे। उनकी कंपनी का मार्केट बेस बढ़ता गया और बैंकिंग सेक्‍टर में काम के लिए 1992 में उन्हें पद्म भूषण दिया गया। 

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HDFC और HDFC Bank के मर्जर से कारोबार 41 लाख करोड़

HDFC और HDFC Bank के मर्जर से हंसमुख ठकोरदास पारेख का बिजनेस  41 लाख करोड़ से अधिक का पहुंच गया है।

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12 करोड़ ग्राहक और 8300 ब्रांच देश में

हंसमुख ठकोरदास की कंपनी के अब तक 12 करोड़ ग्राहक हैं औक देश भर में 8300 ब्रांच हैं। कंपनी का 2023 का नेट प्रॉफिट 60 हजार करोड़ रुपये है।   

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