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Aditya L1 को सूरज के करीब पहुंचने में कितने दिन लगेंगे?

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​​​​​कितने दिन में L1 प्वाइंट तक पहुंचेगा Aditya?

बता दें कि Aditya L1 को सूर्य के करीब L1 प्वाइंट तक पहुंचने में करीब 127 दिन का समय लगेगा। इसके बाद ये वहां से डेटा भेजेगा।

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किस रॉकेट से छोड़ा जाएगा Aditya L1 ?

Aditya L1 मिशन को ISRO के सबसे भरोसेमंद रॉकेट PSLV-XL (C-57) से लॉन्च किया जाएगा। ये रॉकेट Aditya L1 को पृथ्वी की लोअर ऑर्बिट में छोड़ेगा।

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कब और कितने बजे लॉन्च होगा Aditya L1 मिशन?

इसरो Aditya L1 मिशन को 2 सितंबर की सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च करेगा। इसके लिए रॉकेट के सभी हिस्सों की जांच कर ली गई है।

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सूरज के कितने करीब तक जाएगा Aditya L1 ?

पृथ्वी से सूर्य की दूरी करीब 15 करोड़ KM है। हालांकि, Aditya L1 धरती से 15 लाख KM की दूरी पर स्थित लैगरेंज प्वाइंट (L1) तक जाएगा।

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क्या है लैगरेंज प्वाइंट?

लैगरेंज प्वाइंट (L1) अंतरिक्ष में स्थित वो जगह है, जहां पृथ्वी और सूरज का गुरुत्वाकर्षण बराबर है। ऐसे में Aditya L1 आराम से इस जगह पर सेट होकर अपना काम कर सकता है।

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जानें क्या है Aditya L1 मिशन का सबसे कठिन फेज?

Aditya L1 का सबसे कठिन फेज HALO ऑर्बिट में L1 पोजिशन को पाना है। अगर इस बिंदु पर स्पीड को कंट्रोल नहीं किया तो वो सूरज की तरफ बढ़ने लगेगा और जलकर खत्म हो जाएगा।

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आखिर कितनी है लैगरेंज प्वाइंट की Range?

लैगरेंज प्वाइंट L1 सूर्य और पृथ्वी की कुल दूरी का 1 प्रतिशत हिस्सा है। यानी 15 लाख किलोमीटर। सूरज से धरती की दूरी 15 करोड़ किलोमीटर है।

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आदित्य L1 का बजट कितना है?

Aditya L1 मिशन का बजट करीब 400 करोड़ रुपए के आसपास है। वहीं, चंद्रयान-3 का बजट 615 करोड़ रुपए था।

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सूर्य का गुरुत्वाकर्षण न हो तो क्या होगा?

सूर्य की ग्रैविटी की वजह से ही सौरमंडल (Solar System) में सभी ग्रह अपनी निश्चित जगह पर हैं। अगर ये खत्म हो जाए तो धरती समेत दूसरे ग्रह अंतरिक्ष में कहीं भी टकरा सकते हैं।

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