देश के बाजारों में चीन के सामान भरे पड़े हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, आधे से ज्यादा भारतीयों ने पिछले एक साल में कोई न कोई मेड इन चाइना सामान जरूर खरीदा है।
लोकल सर्कल्स की रिपोर्ट में पता चला कि चीन से हुए सीमा विवाद ने भारतीयों को प्रभावित किया है। पिछले 12 महीनों में काफी लोगों ने चाइनीज सामानों से दूरी बनाई है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में करीब 45 फीसदी भारतीयों ने एक भी मेड इन चाइना सामान यानी चाइनीज प्रोडक्ट को नहीं खरीदा है।
भारतीयों ने मेड इन चाइना का सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक-मोबाइल एक्सेसरीज खरीदा है। लोकल सर्कल्स के सर्वे में 56% लोगों ने बताया उन्होंने पिछले 12 महीने में चाईनीज गैजेटट्स खरीदे हैं।
49 फीसदी भारतीयों ने बताया कि उन्होंने चीन में बने वाटर गन, फेस्टिवल लाइटिंग, लैम्प, कैंडल जैसे प्रोडक्ट खरीदें, वहीं 33% ने चीन में बने खिलौने और स्टेशनरी प्रोडक्ट्स खरीदा है।
सर्वे के अनुसार, 29% लोगों ने गिफ्ट आइटम्स, 26% ने टीवी, एयर प्यूरिफायर जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान, 26% ने लाइटिंग-फर्नीचर, 15% लोगों ने फैशन प्रोडक्ट, 15% ने अन्य सामान खरीदें।
इस सर्वे में 16 प्रतिशत भारतियों ने बताया कि उन्होंने चीनी सामानों का भारतीय विकल्प खोज लिया है, जो सस्ते भी हैं और उनकी क्वालिटी भी अच्छी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर भारतीयों ने राजनीतिक तनाव से चाइनीज प्रोडक्ट्स से दूरी बनाई। जबकि बहुत से लोगों का कहना है कि बेहतर कस्टमर सर्विस के चलते भारतीय प्रोडक्ट्स को चुना है।