हरिकोटा बंगाल की खाड़ी पर स्थित एक बाधा द्वीप है। आंध्र प्रदेश में तिरुपति जिले की शार परियोजना बस्ती में यह स्थित है।
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भारत में प्रमुख अंतरिक्ष केंद्र कौन से हैं
भारत में दो सैटेलाइट लॉन्च सेंटर हैं। एक श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र और दूसरा थुंबा भूमध्यरेखीय रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन तिरुवनंतपुरम में है।
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श्रीहरिकोटा कब बना सैटेलाइट लॉन्चिंग सेंटर
साल 1969 में श्रीहरिकोटा आइलैंड को सैटलाइट लॉन्चिंग स्टेशन के तौर पर चुना गया था। 1971 में RH-125 साउंडिंग रॉकेट को लॉन्च कर सेंटर ऑपरेशनल हुआ था।
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श्रीहरिकोटा से ही क्यों लॉन्च होते हैं स्पेस मिशन
श्रीहरिकोटा इक्वेटर से काफी करीब है, जो इसे जियोस्टेशनरी सैटलाइट के लिए बेहतर लॉन्च साइट बनाती है।
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श्रीहरिकोटा से सैटेलाइट छोड़ना क्यों आसान
ज्यादातर सैटलाइट पूर्व दिशा में ही लॉन्च होते हैं। पूर्वी तट पर होने के चलते श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से अतिरिक्त 0.4 km/s की वेलोसिटी मिल जाती है।
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श्रीहरिकोटा की लोकेशन क्यों महत्वपूर्ण
श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर तक पहुंचना काफी आसान है। जमीन, हवा और पानी के रास्ते यहां दुनिया के कोने-कोने से स्पेस मिशन के सामान आसानी से लाए जा सकते हैं।
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कितना सुरक्षित श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर
आबादी से दूर होने के चलते यह स्पेस सेंटर काफी सुरक्षित है। यहां रहने वाले ज्यादातर लोग इसरो से जुड़े हैं या स्थानीय मछुआरे।
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क्या श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर घूमने जा सकते हैं
इसरो की इजाजत से सतीश धवन केंद्र लॉन्चिंग पैड देखने जा सकते हैं। हर बुधवार को विजिटर्स को लिमिटेड एक्सेस के साथ यहां लाया भी जाता है।