खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप मढ़ने के बाद से ही भारत और कनाडा के संबंध काफी खराब हो चुके हैं।
इस विवाद की शुरुआत भले ही कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने की, लेकिन भारत ने अब इस पर कड़ा रुख अपना लिया है।
भारत ने कनाडा को साफ कह दिया है कि वो अपने 40 राजनयिकों को वापस बुला ले। इतना ही नहीं, भारत से बिगड़े संबंधों का असर अब कनाडा की इकोनॉमी पर भी दिखने लगा है।
कनाडा का मेन स्टॉक एक्सचेंज टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज (TSX) एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। ये 1.86 प्रतिशत तक नीचे आ गया है।
वहीं, TSX का एसएंडपी/टीएसएक्स कंपोजिट इंडेक्स 364.09 प्वाइंट गिरकर 19,177.18 पर पहुंच गया है, जो पिछले एक साल का सबसे निचला स्तर है।
इतना ही नहीं, कनाडा के सबसे प्रमुख बैंक लॉरेंटियन बैंक के शेयरों में अब तक 5.9 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।
शेयर मार्केट में गिरावट के साथ ही कनाडा के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी मंदी की आशंका बनी हुई है। कनाडा की तरफ मंदी का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
अगर भारत के साथ कनाडा के संबध और बिगड़े तो हालात बद से बदतर हो सकते हैं। बता दें कि कनाडा की इकोनॉमी में भारत का अहम योगदान है।
भारतीय छात्र कनाडा की इकोनॉमी में बड़ा योगदान देते हैं। पंजाब के 3.4 लाख स्टूडेंट्स वहां पढ़ाई कर रहे हैं। ये हर साल कनाडा की इकोनमी में 68 हजार करोड़ का योगदान देते हैं।
वहीं, भारत के अन्य राज्यों के छात्रों को भी शामिल करें तो ये रकम करीब 20 अरब डॉलर (1,66,240 करोड़ रुपये) होती है। यानी भारत हर साल इतनी बड़ी रकम कनाडा की अर्थव्यवस्था में डालता है।