महाराष्ट्र का एक गांव ऐसा है, जहां बच्चा-बच्चा करोड़पति है।हर कोई शेयर बाजार से कमाई करता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस गांव में बच्चे के पैदा होते ही उसके नाम शेयर खरीद दिए जाते हैं
इस गांव का नाम अमलनेर (Amalner) है। जहां हर शख्स के पास विप्रो (Wipro) का शेयर है। कंपनी आईटी सेक्टर के अलावा साबुन और वेजीटेबल ऑयल का कारोबार भी करती है।
विप्रो की शुरुआत 1945 में अमलनेर से ही हुई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, गांव में बच्चे के जन्म लेते ही उसके नाम विप्रो के शेयर खरीद दिए जाते हैं। गांव को टाउन ऑफ मिलेनियर्स कहा जाता है
विप्रो के शेयर ने 40 साल में निवेशकों को मालामाल बना दिया है। 1980 में विप्रो के एक शेयर की कीमत 100 रु थी। तब 10,000 रु लगाने वालों के पास आज करीब 1,400 करोड़ रु है।
40 साल पहले किसी ने 100 रु भी विप्रो के शेयर में लगाए होते तो आज उसके पास करीब 14 करोड़ रु होते। इस रिटर्न के पीछे बोनस शेयर, स्टॉक स्प्लिट और डिविडेंड है,जो कंपनीने कई बार दिए हैं
विप्रो ने 400 साल में इतनी बार बोनस शेयर, स्टॉक स्प्लिट और डिविडेंड दिए हैं कि 2021 तक 100 रु का शेयर 2.56 करोड़ शेयर में बदल गया। डिविडेंड से ही निवेशकों को 2.56 करोड़ रुपए मिले।
मंगलवार, 19 नवंबर 2024 को विप्रो का शेयर 561 रुपए पर बंद हुआ। 1980 में 100 रुपए के शेयर को खरीदकर अगर किसी ने होल्ड किया होता तो आज वो बढ़कर 14 करोड़ के आसपास हो गई होती।
शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।