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ईरान-इजराइल में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका प्रभाव क्रूड ऑयल की कीमतों पर पड़ सकता है। कच्चे तेल की मांग में फिलहाल कोई उछाल नहीं है लेकिन आगे मांग के अनुमान कमजोर हैं।
ईरान के इजराइल के साथ सीधे तौर पर तनाव से बाजार काफी चिंतित है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ईरान कुछ आगे बढ़ता है तो पेट्रोल-डीजल तो महंगे होंगे ही, कर्ज भी महंगा हो सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ईरान-इजराइल टेशन से तेल-गैस की कीमतें बढ़ेंगी। अगर ईरान होरमुज जलसंधि या स्ट्रेट ऑफ होरमुज में जरा सी घेराबंदी कर दे तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
होरमुज जलसंधि बेहद संकरी है। जहाज सिर्फ 2 किमी चौड़े रुट से चलते हैं। यहां से तेल के कारोबार का 21% और ग्लोबल एलएनजी ट्रेड का 20% हिस्सा गुजरता है। इसका कोई वैकल्पिक रूट भी नहीं है
अगर जलसंधि की घेराबंदी ईरान करता है तो पेट्रोल-डीजल से लेकर लोन में राहत की उम्मीदों को भी झटका लगेगा। सप्लाई पर असर पड़ने से क्रूड ऑयल में उछाल तय है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सप्लाई घटने से फ्यूल की कीमतें बढ़ेंगी और दूसरे उत्पादों के दामों पर असर देखने को मिलेगा। जिससे महंगाई आसमान छू सकती है।
महंगाई बढ़ने से केंद्रीय बैंकों को सख्त नीतियों पर फोकस बनाना होगा।मूडीज पहले ही अनुमान जता चुका है कि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से महंगाई दर बढ़ेगी, केंद्रीय बैंकों पर दबाव बढ़ेगा