शेयर, इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले अगर इन्हें बेचते हैं तो 1 लाख का रिटर्न टैक्स फ्री है। इसका कैलकुलेशन लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से होती है। इससे ज्यादा पर टैक्स लगता है।
लाइफ इंश्योरेंस क्लेम या मैच्योरिटी की रकम टैक्स फ्री होती है। शर्त है कि पॉलिसी का सालाना प्रीमियम सम अस्योर्ड के 10% से ज्यादा न हो। ज्यादा होने पर एक्स्ट्रा रकम पर टैक्स लगेगा।
बैंक के बचत खाते से सालाना 10,000 रुपए तक मिलने वाले ब्याज पर इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80TTA के तहत आयकर से छूट मिलती है। इससे ज्यादा होने पर एक्स्ट्रा रकम पर टैक्स देना होगा।
किसी कंपनी में पार्टनर हैं तो शेयर ऑफ प्रॉफिट पर टैक्स नहीं देना होगा। इस रकम पर आपकी पार्टनरशिप वाली फर्म पहले ही टैक्स देती देती है। अगर फर्म से सैलरी मिलती है तो टैक्स देना होगा
शादी का गिफ्ट टैक्स फ्री होता है। हालांकि, ये गिफ्ट शादी के आसपास ही मिला हो। शादी के 6 महीने बाद तक गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता है। गिफ्ट 50,000 से ज्यादा होने पर टैक्स देना होगा।
विरासत या वसीयत में मिली दौलत, ज्वेलरी या कैश पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। आपको जो भी संपत्ति मिली है, उससे होने वाली इनकम पर टैक्स लगता है।
अगर नौकरी से VRS लेते हैं और आपको मिली 5 लाख रुपए तक की रकम पर टैक्स नहीं देना होता है। यह सुविधा सरकारी या PSU में काम करने वालों के लिए ही है, प्राइवेट के लिए नहीं।
इनकम टैक्स कानून 1961 में कृषि से हुई कमाई को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। कृषि भूमि पर खेती या उससे जुड़ी गतिविधियों से इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
छात्रवृत्ति या किसी अवॉर्ड, जिससे छात्र पढ़ाई का खर्च चला रहा है इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10 (16) के तहत आयकर के दायरे से बाहर है। इस रकम की कोई लिमिट नहीं है।