2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार आने के बाद 2027 तक राज्य की इकॉनमी 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा। वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य की GDP 24.39 लाख करोड़ होने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश की इकॉनमी में अभी 23% एग्रीकल्चर, 27% मैन्युफैक्चरिंग और 50% सर्विसेज का योगदान है। 1 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य पाने तीनों ही सेक्टर्स में आउटपुट्स को कई गुना बढ़ाना है।
किसी राज्य में निवेश की पहली शर्त कानून व्यवस्था होती है। इसीलिए योगी आदित्यनाथ ने 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद इस पर सबसे ज्यादा जोर दिया और कई माफियाओं का सफाया कर दिया।
माफिया राज खत्म होने से निवेशकों में सुरक्षा की भावना बढ़ी और निवेश कई गुना बढ़ गया। 2018 के निवेश समिट में 4.68 लाख करोड़, 2023 में 33.5 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले
निवेशकों के मामले में महाराष्ट्र के बाद यूपी का देश में दूसरा नंबर है। साल 2017 में शेयर बाजार में यूपी के सिर्फ 22.20 लाख निवेशक थे, जिनकी संख्या आज 1.76 करोड़ से ज्यादा हो गई है।
आज देश की इकॉनमी में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 8 फीसदी से ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कानून व्यवस्था सुधरने से निवेशकों का ही नहीं आम लोगों का भरोसा भी यूपी में बढ़ा है।
यूपी की इस बदली छवि में बड़ी संख्या में निवेशक आए। लोगों को घर में ही नौकरी मिली, दूसरे राज्यों में पलायन कम हुआ। शेयर, म्यूचुअल फंड और बैंकों में पैसा बढ़ने का मतलब समृद्धि से है
योगी सरकार की नीतियों का असर है कि प्रदेश की जीडीपी 25 लाख करोड़ पहुंच गई है। शेयर मार्केट में यूपी का दबदबा है। राज्य के लोगों के डीमैट अकाउंट में 22.41 लाख करोड़ कीमत के शेयर हैं
आयकर रिटर्न फाइल करने की संख्या में भी यूपी देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है। विशेषज्ञ राज्य की समृद्धि के पीछे सबसे बड़ा कारण कानून व्यवस्था में सुधार को ही मान रहे हैं।