नीट यूजी एग्जाम 2024 के रिजल्ट को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई हो रही है। परीक्षा रद्द कर दोबारा से कराए जाने की मांग चल रही है।
ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,563 स्टूडेंट्स के लिए दोबारा से एग्जाम आयोजित हो रही है। हालांकि, इस पर विपक्ष हमलावर है और छात्रों की मांग है कि परीक्षा रद्द कर दोबारा से कराई जाए।
नीट 2024 के री-एग्जाम के लिए दोबारा फीस नहीं देनी होगी। नोटिस में इसका जिक्र नहीं है। स्टूडेंट्स ने पहले परीक्षा शुल्क भरा था, उसे में री-एग्जाम होगा। मतलब NTA इसका खर्च उठाएगा।
2019 से NTA स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से नीट-यूजी एग्जाम करवा रहा है। भारत के अलावा कई देशों में भी यह एग्जाम होता है, जिसमें कुवैत से लेकर सिंगापुर तक हैं।
NEET एग्जाम में कितना खर्च आता है, इसकी डिटेल्स में जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, यह खर्च कैंडिडेट्स की संख्या पर निर्भर करता है। जितने छात्र, उतना ज्यादा खर्च होता है।
नीट-यूजी में रिकॉर्ड 67 कैंडिटे्स ने टॉप रैंक हासिल की है। आरोप है कि बेतरतीब ढंग से नंबर बढ़ाए-घटाए गए हैं। 6 सेंटर्स पर एग्जाम में देरी से ग्रेस मार्क्स दिए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने इसकी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सख्त दिखा। काउंसलिंग प्रॉसेस पर रोक लगाने के साथ 1,563 कैंडिडेट्स के ग्रेस मार्क्स रद्द कर उनके री-एग्जाम कराने का आदेश दिया है।