बाजार की दशा और दिशा भविष्य में क्या होगी, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। ऐसे में हमेशा समझदारी और रणनीति बनाकर ही निवेश करना चाहिए।
जब बाजार में प्रॉफिट-नुकसान वाली सिचुएशन बनी रहती है तो ऐसे में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश अच्छा माना जाता है। ऐसे में जल्दी निवेश के चक्कर में न पड़ें और लॉन्ग टर्म पर फोकस करें।
निवेश लड़खड़ा जाए तो दूसरों की सफलता पर भी विनम्र बने रहें। दूसरों की मदद लेने में संकोच न करें। उनकी सफलता से खुद का आंकलन न करें। यह न सोचें की सबसे अच्छा निवेश आप ही जानते हैं।
शेयर मार्केट में पैसे लगा रहे हैं तो सही फाइनेंशियल एक्सपर्ट ही चुनें। कई ऐसे वित्तीय सलाहकार मिलेंगे जो पैसे को दोगुना-तिगुना करने का दावा करेंगे लेकिन उनसे बचकर रहें।
बाजार में उतार-चढ़ाव होने पर कभी भी पैनिक न हों। आपका निवेश का फैसला सही रणनीति के साथ होना चाहिए। अगर पैसा सोच-समझकर निवेश किया है तो चिंता की जरूरत नहीं है।
लॉन्ग टर्म निवेश के लिए धीमी गति से चलना बेहतर होता है। शॉर्ट टर्म लक्ष्य के साथ बाजार में आना और फिर बाहर निकलना फाइनेंशियल हेल्थ के लिए ठीक नहीं है। इसलिए व्यवस्थित निवेश की करें
शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव देखकर किसी स्टॉक से आकर्षित होकर पैसा न लगाएं। इसलिए कोई शेयर न खरीदें कि समय की डिमांड है। लॉन्ग टर्म के लिए ये बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
निवेश करते समय अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखें। निवेश से जुड़े फैसले भावनाओं में बहकर न लें। अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखें और निवेश करते समय जोखिमों की जानकारी रखें।
निवेश के फैसले लेते समय बहुत आशावादी, उत्साही, आश्वस्त होने से बचें। निवेश समझदारी से ही करें। अगर किसी निवेश से घाटा हो रहा है तो उम्मीद में न रहें कि भविष्य में बड़ा रिटर्न देगा।
सेविंग अकाउंट में पड़ा पैसा आपके लिए पैसा नहीं बनाएगा, इसलिए उसे बैंक से निकालकर किसी ऐसी जगह लगाएं, जहां पैसा बढ़ेगा। निवेश में विविधता लाएं। जितनी जल्दी हो बचत का निवेश करें।