कई लोग बाहर रेंट पर रहते हैं। ऐसे में उनके मन में सवाल उठता है कि खुद का घर लें या रेंटल से ही काम चलाएं, आखिर ज्यादा झंझट और आराम किसमें हैं?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आमतौर पर सिर्फ 80% होम लोन ही बैंक देते हैं, बाकी का 20 प्रतिशत आपको खुद ही देने पड़ते हैं। ऐसे में इस पैसे को जमा करने के लिए हो सकता है रेंट पर रहना पड़े।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक बार यह तय हो जाए कि किस शहर में रहना चाहते हैं, तो प्लानिंग सही तरह बनती है। अपना घर सेटिस्फेकशन की फीलिंग देता है, इसलिए ज्यादातर लोग ऐसा ही करते हैं।
कई बार रेंट का मकान बार-बार बदलना पड़ता है, ऐसे में कई झंझटों का सामना करना पड़ता है। इससे बार-बार सामानों को भी शिफ्ट करना पड़ता है। जिसकी वजह से खुद का घर ज्यादा अच्छा होता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप अकेले किसी मकान को बदलते हैं या किराए पर लेते हैं तो कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं, ऐसे में अपना मकान होना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
नौकरी और इनकम के वोलाटाइल होने पर किराए का मकान रेंटल खर्चे से बचा लेता है। इन सभी फैसलों के आधार पर आप फैसला ले सकते हैं कि खुद का घर खरीदें या रेंट पर ही रहें।