सोना लेते समय इंश्योरेंस मिलता है। बहुत से लोग इसके बारें में नहीं जानते हैं। बड़े गोल्ड ज्वैलर्स से सोना खरीदा है तो बीमा मिल जाता है। आजकल कई छोटे ज्वैलर्स भी बीमा ऑफर करते हैं।
बड़े ज्वैलर्स या ऐसी जगह से अगर सोने की ज्वेलरी खरीदते हैं जहां इंश्योरेंस ऑफर किया जाता है तो ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी मिलती है, जो 1 साल के लिए होती है।
आग लगने से नुकसान, प्राकृतिक आपदाएं जैसे कि भूकंप, बाढ़ कवर, दंगे, हड़तालों, स्नैचिंग, लूट, डकैती,सेंधमारी से होने वाले नुकसान कवर होते हैं। कई पॉलिसी एक्सीडेंट कवर भी देती हैं।
हर ज्वेलर्स की गोल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी अलग होती है, इसलिए जब भी सोना खरीदें तो उनसे इंश्योरेंस की डिटेल्स जरूर लें, जैसे वह कितने समय के लिए है। ज्यादातर पॉलिसी 1 साल की होती हैं।
ज्लैवरी खरीदने के 1 साल बाद इंश्योरेंस पॉलिसी रिन्यू करवा सकते हैं। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को सीधे अप्रोच कर सकते हैं। ज्वेलर्स से कहने पर भी वह आपकी ओर से प्रीमियम देता रहेगा।
बिना कारण ज्वेलरी खोने पर, सरकार द्वारा जब्त करने पर कवर नहीं मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीमा कंपनियां इन कारणों को पॉलिसी होल्डर की जानबूझकर की गई गलती मानती हैं।
चोरी या गुम होने की पुलिस में शिकायत का चालान, कोई सीसीटीवी फुटेज, प्रत्यक्षदर्शी और अन्य जरूरी दस्तावेज को एक एक क्लेम फॉर्म में अटैच कर ज्वैलरी नुकसान का कारण बता सकते हैं।
अगर बीमा पॉलिसी के अनुसार कारणों से ज्वैलरी खोने का दावा करते हैं तो उसका 95 परसेंट तक कवर मिल सकता है। बाकी 5 परसेंट मेकिंग चार्जेज और टैक्स कवर नहीं होते हैं।
इसकी जानकारी ज्वैलर्स की वेबसाइट या ज्वैलर से मास्टर पॉलिसी नंबर और बीमा कंपनी का नाम पूछकर कर सकते हैं। एजेंट न होने पर सीधे बीमा कंपनी से संपर्क कर सकते हैं।