Hindi

ज्वेलरी चोरी होने का लगा रहता है डर? 1 उपाय रखेगा टेंशन फ्री

Hindi

सोना खरीदते समय लें इंश्योरेंस

सोना लेते समय इंश्योरेंस मिलता है। बहुत से लोग इसके बारें में नहीं जानते हैं। बड़े गोल्ड ज्वैलर्स से सोना खरीदा है तो बीमा मिल जाता है। आजकल कई छोटे ज्वैलर्स भी बीमा ऑफर करते हैं।

Image credits: social media
Hindi

गोल्ड इंश्योरेंस क्या है

बड़े ज्वैलर्स या ऐसी जगह से अगर सोने की ज्वेलरी खरीदते हैं जहां इंश्योरेंस ऑफर किया जाता है तो ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी मिलती है, जो 1 साल के लिए होती है।

Image credits: Getty
Hindi

गोल्ड इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर

आग लगने से नुकसान, प्राकृतिक आपदाएं जैसे कि भूकंप, बाढ़ कवर, दंगे, हड़तालों, स्नैचिंग, लूट, डकैती,सेंधमारी से होने वाले नुकसान कवर होते हैं। कई पॉलिसी एक्सीडेंट कवर भी देती हैं।

Image credits: Getty
Hindi

गोल्ड इंश्योरेंस कितने साल का होता है

हर ज्वेलर्स की गोल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी अलग होती है, इसलिए जब भी सोना खरीदें तो उनसे इंश्योरेंस की डिटेल्स जरूर लें, जैसे वह कितने समय के लिए है। ज्यादातर पॉलिसी 1 साल की होती हैं।

Image credits: Getty
Hindi

क्या गोल्ड इंश्योरेंस रिन्यू होता है

ज्लैवरी खरीदने के 1 साल बाद इंश्योरेंस पॉलिसी रिन्यू करवा सकते हैं। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को सीधे अप्रोच कर सकते हैं। ज्वेलर्स से कहने पर भी वह आपकी ओर से प्रीमियम देता रहेगा।

Image credits: Getty
Hindi

गोल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या कवर नहीं होता

बिना कारण ज्वेलरी खोने पर, सरकार द्वारा जब्त करने पर कवर नहीं मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीमा कंपनियां इन कारणों को पॉलिसी होल्डर की जानबूझकर की गई गलती मानती हैं।

Image credits: Getty
Hindi

गोल्ड इंश्योरेंस क्लेम में क्या-क्या चाहिए

चोरी या गुम होने की पुलिस में शिकायत का चालान, कोई सीसीटीवी फुटेज, प्रत्यक्षदर्शी और अन्य जरूरी दस्तावेज को एक एक क्लेम फॉर्म में अटैच कर ज्वैलरी नुकसान का कारण बता सकते हैं।

Image credits: Getty
Hindi

गोल्ड इंश्योरेंस में कितना कवर होता है

अगर बीमा पॉलिसी के अनुसार कारणों से ज्वैलरी खोने का दावा करते हैं तो उसका 95 परसेंट तक कवर मिल सकता है। बाकी 5 परसेंट मेकिंग चार्जेज और टैक्स कवर नहीं होते हैं।

Image credits: Getty
Hindi

गोल्ड इंश्योरेंस क्लेम कैसे करें

इसकी जानकारी ज्वैलर्स की वेबसाइट या ज्वैलर से मास्टर पॉलिसी नंबर और बीमा कंपनी का नाम पूछकर कर सकते हैं। एजेंट न होने पर सीधे बीमा कंपनी से संपर्क कर सकते हैं।

Image Credits: Getty