पहली बार ITR फाइल करते समय अपनी ग्रॉस सैलरी, इनकम के दूसरे सोर्स की सही जानकारी जरूर दें। टैक्सेबल इनकम का सही कैलकुलेशन कर किसी भी गलती से बच सकते हैं।
पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम को लेकर एक्सपर्ट्स की सला लें। दोनों के बारें में जानकर बेहतर विकल्प चुनें और बेनिफिट्स का लाभ उठाएं।
अगर जॉब करते हैं तो फॉर्म-16 में आपकी ग्रॉस सैलरी, टैक्सेबल इनकम, टीडीएस और टैक्स डिडक्शन जैसी महत्वपूर्ण डिटेल्स दी गई होती हैं। इनकी जरूरत आईटीआर फाइल करने में जरूरी होता है।
पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो फॉर्म 26AS की जांच जरूर करें। इसमें TDS की जानकारी होती है। इसके साथ फॉर्म-16 का मिलान जरूर करें।
एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) भी आईटीआर फाइल करते समय जरूरी होता है। इससे बैंक एफडी या डिपॉजिट या अन्य निवेशों से कमाई की जानकारी मिलती है, जो काम की होती है।
इनकम टैक्स विभाग चार तरह के फॉर्म जारी करता है। सैलरीड क्लास ITR-1 या ITR-2 फॉर्म। 50 लाख से कम सैलरी के लिए आईटीआर-1, 50 लाख से ज्यादा इनकम के लिए आईटीआर फॉर्म 2 चुनें।
आईटीआर भरते समय पैन कार्ड, आधार कार्ड, निवेश के प्रूफ, होम लोन इंटरेस्ट सर्टिफिकेट जैसे डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है।
आईटीआर भरने के 30 दिनों क अंदर उसे वैरिफाई जरूर करें। इसके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीका चुन सकते हैं। इससे फॉर्म में कुछ भी गलत होगा तो उसे सुधार सकते हैं।