रिटायरमेंट के बाद मंथली पेंशन पाने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) अच्छा विकल्प है। अगर आप भी इसमें निवेश करते हैं तो आपको अब कुछ नए चार्ज देने होंगे।
एनपीएस को रेगुलेट करने वाली PFRDA यानी पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इससे जुड़े कुछ नियम बदल दिए हैं।
PFRDA ने एनपीएस के PoP से जुड़े चार्ज बदल दिए हैं। इसके लिए अभी सर्कुलर जारी होना बाकी है। पीओपी के जरिए ही यह सर्विस मिलती है।
पॉइंट ऑफ प्रजेंस ही ग्राहकों से होने वाला पहला कॉन्टैक्ट है। इसके जरिए ही एनपीएस दिया जाता है। इनका एक नेटवर्क होता है। इसकी सर्विस देने वाला प्रोवाइडर बदले में कुछ चार्ज लेता है।
नए नियम के अनुसार, पीओपी के पास निवेशकों से बार्गेन करने का अधिकार रहेगा लेकिन अब इसकी मिनिमम और मैक्सिमम लिमिट फिक्स कर दी गई है।
अब एनपीएस में रजिस्ट्रेशन करवाने का चार्ज 200 से 400 रुपए हो सकता है। नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के लिए 30 रुपए देना होगा।
पीओपी अब एनपीएस के निवेशकों से शुरुआती कॉन्ट्रिब्यूशन पर 0.50 फीसदी फीस ले सकता है। यह 30 रुपए से लेकर 25,000 रुपए तक ही हो सकता है।
अगर आपको एनपीएस के नए चार्जेस से जुड़ा कोई कंफ्यूजन है तो PFRDA की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी लें।