इन दिनों छंटनी का दौर चल रहा है। हर सेक्टर की नौकरियां संकट में हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां भी फायरिंग कर रही हैं। ऐसे में होम, ऑटो या पर्सनल लोन लेने वालों के दिक्कत हो सकती है।
अगर किसी की जॉब अचानक से चली जाए तो बिना नौकरी कर्ज यानी EMI चुकाने में जॉब लॉस इंश्योरेंस (Job Loss Insurance) काम आ सकता है। इससे लोन का ब्याज आसानी से चुका पाएंगे।
ये लाइफ इंश्योरेंस का ही एड-ऑन फीचर है, जो क्रेडिट प्रोटेक्शन लाइफ इंश्योरेंस में मिलता है। कुछ बीमा कंपनियां इसे लाइफ इंश्योरेंस के साथ बेचती हैं और कुछ अलग से भी देती हैं।
इस इंश्योरेंस की मदद से नौकरी जाने की स्थिति में क्रेडिट कार्ड का बिल, होम या ऑटो लोन की EMI चुका सकते हैं। इसे ज्यादातर कंपनियां जीवन बीमा के साथ ही बेचा करती हैं।
जॉब लॉस इंश्योरेंस फुल टाइम जॉब करने वालों को ही ये दिया जाता है। रिटायर, बेरोजगार, सेल्फ एम्पलॉयड, अस्थायी जॉब वाले इसे नहीं ले सकते हैं। उम्र को लेकर भी कुछ शर्तें होती हैं।
जॉब लॉस इंश्योरेंस में आपकी तीन से चार EMI का भुगतान किया जाता है। मतलब नौकरी जाने के तीन-चार महीने तक नई जॉब सर्च करनी होगी। तब तक आपकी ईएमआई बीमा कंपनी भरेगी।
इस बीमा का प्रीमियम मूल बीमा के प्रीमियम का 3-5% होता है। अगर होम लोन के साथ लाइफ इंश्योरेंस भी कराया है, जिसका सालाना प्रीमियम 10,000 तक है तो 300-500 रु. प्रीमियम हो सकता है।
होम लोन के पूरे टेन्योर तक जॉब लॉस इंश्योरेंस का कवरेज नहीं मिलता है। ज्यादातर मामलों में पॉलिसी खरीदने के 5 साल तक ही जॉब लॉस का कवरेज कंपनियां देती हैं।