पिछले 1 साल में BSE मिड कैप इंडेक्स में 65% से ज्यादा तेजी रही है। इसके चलते म्यूचुअल फंड्स की मिड कैप इक्विटी फंड कैटेगरी में 1 साल में 71% तक का रिटर्न मिला है।
ऐसा फंड जिसमें मिड कैप कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जाता है, मिड कैप म्यूचुअल फंड कहते हैं। मिड-कैप कंपनियों का मार्केट कैप 5,000 करोड़ से ज्यादा, 20,000 करोड़ से कम होता है।
लार्ज कैप फंड्स की तुलना में मिड-कैप फंड ज्यादा रिस्की होता है। इसलिए अगर रिस्क उठा सकते हैं तो इसमें निवेश करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, इसमें लंबे समय के लिए निवेश अच्छा होता है। ऐसे में लंबी अवधि यानी कम से कम 5 साल से ज्यादा समय के लिए निवेश के लिए मिड कैप फंड्स अच्छा ऑप्शन हो सकते हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पोर्टफोलियो का 20-30 परसेंट निवेश मिड कैप फंड्स में कर सकते हैं। बस ध्यान रहे कि इसमें ज्यादा मुनाफे के लिए लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहिए।
लार्ज कैप की तुलना में बढ़ने की ज्यादा संभावना, स्माल कैप की तुलना में अस्थिरता कम होती है। इससे पोर्टफोलियो में डायवर्सिटी रहती है।
पिछले कुछ सालों में बेहतर रिटर्न्स देने वाले मिड कैप फंड्स में क्वांट कैप मिड फंड, महिंद्रा मनुलाइफ, मोतीलाल ओसवाल, HDFC मिड कैप अपॉर्च्युनिटी फंड, निप्पॉन इंडिया ग्रोथ फंड।
म्यूचुअल फंड में एक साथ पैसा न लगाएं, बल्कि सिस्टमेंटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश करें। इससे रिस्क कम हो जाता है, क्योंकि इस पर बाजार उतार चढ़ाव का ज्यादा असर नहीं पड़ता