केंद्र सरकार ने साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए सिम कार्ड से जुड़े नियमों में कई बदलाव किए हैं। इसके अलावा केवाईसी रूल्स को और भी सख्त कर दिया गया है।
अब कोई भी व्यक्ति बल्क में यानि एक साथ ढेर सारे सिम कार्ड नहीं खरीद सकता है। सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। मनमान तरीके से सिम किसी को नहीं बेचे जा सकेंगे।
केंद्र सरकार ने अब से कमर्शियल कनेक्शन देने की भी शुरूआत कर दी है। सिम कार्ड के डीलर्स को भी केवाई नियमों का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है।
सिम कार्ड डीलर्स को अब पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नए नियमों की जानकारी दी है।
अब कोई भी नकली सिम कार्ड नहीं ले पाएगा। नियमों को इतना सख्त बना दिया गया है कि किसी भी तरह का फ्रॉड अब सिम कार्ड को लेकर नहीं किया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में करीब 52 लाख मोबाइल कनेक्शन रद्द किए हैं। सिम डीलर्स पर 300 से ज्यादा एफआईआर भी दर्ज की गई है। डीलर्स के लिए पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया गया।
फर्जी तरीके से सिम कार्ड देने के मामले में केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। अब तक 67,000 डीलर्स को ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है। केंद्र सरकार साइबर फ्रॉड को लेकर गंभीर है।
यदि कोई नए नियमों का उल्लंघन करता है तो सरकार उस पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाएगी। अब प्रिंटेड आधार नहीं चलेगा बल्कि क्यूआर कोड स्कैनिंग से सिम मिलेगा।
सिम कार्ड डिएक्टीवेट होने के 90 दिनों तक इसे किसी दूसरे कस्टमर को नहीं दिया जा सकेगा। केवाईसी में अब फेस बेस्ड बायोमीट्रिक सर्टिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
भारत सरकार के आंकड़े बताते हैं कि उन्हें सिम कार्ड से जुड़ी 7.5 लाख शिकायतें मिली हैं। 3 लाख मोबाइल हैंडसेट का पता लगाया गया है। 17,000 मोबाइल सेट ब्लॉक किए गए हैं।