कुंभ नहाने के बदले पैसे, मुंडन-गौदान पर टैक्स, पढ़ें Historical Facts
Business News Jan 13 2025
Author: Satyam Bhardwaj Image Credits:social media
Hindi
प्रयागराज महाकुंभ 2025 का आगाज
प्रयागराज महाकुंभ का आगाज हो चुका है। सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। 45 दिन तक चलने वाले इस आयोजन को लेकर गजब का उत्साह है।
Image credits: Our own
Hindi
महाकुंभ में कल्पवास का समय
आज, 13 जनवरी से 45 दिनों का कल्पवास शुरू हो गया है। तीर्थयात्रियों के लिए 12 किलोमीटर तक स्नान घाट बनाए गए हैं। वाहनों की एंट्री बंद होने से श्रद्धालुओं को पैदल ही चलना पड़ रहा है।
Image credits: X Twitter
Hindi
महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालु
इस बार महाकुंभ में विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। आध्याम की दुनिया में आस्था की डुबकी लगाने एपल को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल महाकुंभ आ चुकी हैं।
Image credits: Our own
Hindi
कुंभ में नहाने के बदले लगता था टैक्स
इतिहासकारों के अनुसार, 1801 में जब इलाहाबाद पर अंग्रेजों का अधिकार हुआ। तब कुंभ-माघ मेले में आने वाले लोगों से अंग्रेज टैक्स लेते थे। हर तीर्थ यात्री से एक रुपए टैक्स लिया जाता था।
Image credits: social media
Hindi
कुंभ में मुंडन कराने पर वसूली
1906 में जिला मजिस्ट्रेट एचवी लॉवेट की कुंभ मेले पर बनी एक रिपोर्ट के अनुसार, 1894 के कुंभ में मुंडन करने वाले नाइयों से करीब 11,825 रु, दाढ़ी बनाने वालों से 1,332 रु वसूले गए थे।
Image credits: Getty
Hindi
कुंभ में माली और फेरीवालों से वसूली
इस रिपोर्ट के अनुसार, तब कुंभ में फूल बेचने वालों से 1,600 रुपए, नाव वालों ने 3,311 रुपए, फेरीवालों से 1,440 रुपए और बैलगाड़ी चलाने वालों से 1,874 रुपए वसूले गए थे।
Image credits: Our own
Hindi
कुंभ में गौदान पर भी लगता था टैक्स
एचवी लॉवेट ने रिपोर्ट में बताया कि साल 1894 के कुंभ में गौदान पर 176 रुपए और बछड़ों के दान पर 976 रुपए टैक्स लिया गया था। 1906 के कुंभ में भी गाय दान करने पर 152 रुपए लिए गए थे।