साल 1998 में रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की पहली पैसेंजर कार Tata Indica लॉन्च की। यह 100% देसी कार थी, जो खूब पॉपुलर हुई और बिक्री के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए दो साल में नंबर-1 बन गई।
2000 में रतन टाटा की लीडरशिप में टाटा ग्रुप ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चाय कंपनी ब्रिटेन की Tetley group खरीदी। इस सेगमेंट में Tata Global Beverages कारोबार करती है।
2002 में टाटा ग्रुप ने विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) में एक कंट्रोलिंग हिस्सेदारी खरीदी। यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होने वाला पहला भारतीय पीएसयू बनी।
साल 2003 में देश की पहली सॉफ्टवेयर कंपनी टीसीएस का रेवेन्यू 1 अरब डॉलर के पार चला गया। एक साल बाद ही 2004 में कंपनी सार्वजनिक यानी पब्लिक बन गई।
2004 में टाटा ग्रुप की ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हुई। इसी साल टाटा ग्रुप ने Daewoo Motors की हेवी व्हीकल्स यूनिट का अधिग्रहण भी किया था।
रतन टाटा की लीडरशिप में हर नए रिकॉर्ड बना रहे टाटा ग्रुप की स्टील कंपनी टाटा स्टील ने यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी एंग्लो-डच कंपनी स्टील कंपनी कोरस को खरीदा।
साल 2008 में टाटा ग्रुप ने फोर्ड की प्रीमियम कार कंपनी जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण कर लिया था। इसके बाद टाटा ग्रुप ने अलग कंपनी Jaguar Land Rover बनाई।
टाटा ग्रुप की 2008 में एक और कामयाबी पूरी दुनिया में चर्चा का विषय रही। तब कंपनी ने भारत में सबसे सस्ती लखटकिया कार TATA NANO को लॉन्च कर हलचल ही मचा दी थी।