RBI ने फरवरी की मौद्रिक नीति में लगातार 7वीं बार रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत बरकरार रखा है। इसमें कोई बदलाव नहीं किए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली बैठक में फैसला लिया गया है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली आरबीआई मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट स्थिर रखने का फैसला हुआ है। लगातार 7वीं मॉनिटरी पॉलिसी में रेपो रेट 6.50% रखा है।
लगातार रेपो रेट न बदलने से आपकी ईएमआई यानी लोन की किस्त पर कोई असर नहीं होगा, मतलब मौजूदा ईएमआई में कोई राहत नहीं मिली है।
RBI ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट में इजाफा किया था। तब रेपो रेट 6.5% कर दी गई थी। इसके बाद से लगातार 7 बार केंद्रीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक में बदलाव नहीं हुआ।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष की पहली-दूसरी तिमाही के लिए GDP के वृद्धि दर के अनुमान 8.2 और 8.1% कर दिया है। पिछले वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में वृद्धि 8.4% थी।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, एमपीसी ने आर्थिक परिस्थितियों की समीक्षा करने के बाद रेपो रेट को बरकरार रखने का फैसला किया है। MPC के 6 सदस्यों में 5 ने सहमति दी है।
आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि खुदरा महंगाई भले ही निचले स्तर पर आ गई हो, लेकिन अभी भी खाने-पीने की चीजों को लेकर महंगाई की स्थिति अनिश्चित बनी है।