RBI ने 8 अगस्त को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में डिजिटल ऐप लोन (Digital App Loan) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। फर्जी डिजिटल लैंडिंग प्लेटफॉर्म से निपटने पब्लिक रेपोस्टरी का प्रस्ताव रखा है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी दी कि नियामक संस्था डिजिटल लोन ऐप्स की बेहतर निगरानी के लिए अपनी रिपोर्ट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को देगी।
आजकल कई डिजिटल ऐप लोन बिना तामझाम इंस्टैंट लोन प्रोवाइड करते हैं और बाद में बड़ा ब्याज वसूलते हैं। इसका विरोध करने पर ग्राहकों पर दबाव बनाया जाता है, जिससे छुटकारा मिल सकता है।
RBI गवर्नर ने कहा कि UPI-बेस्ड टैक्स पेमेंट की लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है। उन्होंने कहा, होमलोन कंपनियों की नियमों की अनदेखी रोकना जरूरी है।
मॉनेटरी पॉलिसी की जानकारी देते हुए RBI गवर्नर ने देश के फाइनेंशियल सेक्टर को मजबूत बताया है। उन्होंने कहा, देश का वित्तीय बाजार स्थिर है। फिर भी बैंकों-NBFC को बेहतर बनाना है।
शक्तिकांत दास ने बैंकों से बचत स्कीम्स में डिपॉजिट बढ़ाने नई रणनीतियों पर काम करने को कहा है। उन्होंने कहा, निवेशकों के पास अन्य विकल्प होने से बैंकों में पैसा नहीं जमा कर रहे हैं।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पैसे जमा न होने से बैंकों के लिए डिपॉजिट को सिक्योर करना बड़ी चुनौती है। ऐसे में बैंकों के सामने लिक्विडिटी की परेशानियां आ सकती हैं।