पिछले हफ्ते सेंसेक्स 109 प्वाइंट यानी 0.14% गिरा है। वहीं, निफ्टी में बीते सप्ताह ओवरऑल 21 अंकों की तेजी रही।
बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को सेंसेक्स 198 अंक टूटकर 77,414 पर बंद हुआ। जबकि निफ्टी में 72 अंकों की गिरावट रही। ऐसे में निवेशक चिंता में हैं।
वो कौन-से फैक्टर हैं, जो अगले हफ्ते शेयर बाजार की दशा और दिशा तय करेंगे। आइए जानते हैं।
2 अप्रैल को HSBC मैन्युफैक्चरिंग डेटा और 4 अप्रैल को सर्विस PMI के डेटा पर बाजार की नजर रहेगी। इसके अलावा RBI 4 अप्रैल को ही विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े जारी करेगा।
ऑटोमोबाइल कंपनियां मार्च के सेल्स डेटा जारी करेंगी, जिनका असर ऑटो कंपनियों पर देखने को मिलेगा। मार्च में कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में रिटेल सेल्स में गिरावट का अनुमान है।
ग्लोबल लेवल पर बाजार की निगाहें 2 अप्रैल पर होंगी, जब अमेरिका रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने वाला है। ये टैरिफ उन देशों के सामानों पर लगेगा, जो अमेरिका के सामानों पर टैरिफ लगाते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल को टैरिफ को लेकर नया ऐलान कर सकते हैं। अगर टैरिफ आक्रामक हुए तो ग्लोबल ट्रेड वॉर बढ़ सकती है, जिसका सीधा असर बाजार पर दिखेगा।
इस हफ्ते अमेरिका में JOBS के डेटा भी आने वाले हैं। इनमें फरवरी के लिए जॉब ओपनिंग, मार्च के लिए बेरोजगारी दर और नॉन-फॉर्म पेरोल डेटा शामिल है।
इस हफ्ते अमेरिका, चीन, जापान समेत कई देशों की ओर से मार्च के लिए मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस PMI के आंकड़े भी जारी किए जाएंगे, जिस पर बाजार की नजर रहेगी।
विदेशी संस्थागत निवेशकों के साथ ही घरेलू संस्थागत निवेशकों पर भी शेयर मार्केट की नजर रहेगी। पिछले कुछ हफ्तों से FII की बिकवाली कम हुई है, जिसका असर बाजार पर पड़ा है।