हालिया गिरावट बाद बाजार में शॉर्ट कवरिंग दिखाई दे रही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार,फंडामेंटल्स संकेत दे रहे कि बाजार नई ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है।निवेशकों को समझ से प्रतिक्रिया करनी चाहिए
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2. US फेड के ब्याज दर में कटौती
यूएस फेड के दिसंबर में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद और ट्रंप की सॉफ्ट टैरिफ पॉलिसी से भी बाजार में तेजी आई है। इससे अमेरिकी डॉलर कमजोर हो सकता है और निवेश भारत में आ सकता है।
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3. रूस-यूक्रेन जंग खत्म होने के आसार
4 साल बाद युद्ध खत्म होने की उम्मीद ने बाजारों में उत्साह बढ़ाया। इससे सप्लाई चेन सामान्य होगी। कच्चा तेल और मेटल्स की कीमतें घट सकती हैं। वैश्विक मुद्रास्फीति पर नियंत्रण संभव है।
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4. एशियाई बाजारों का असर
एशियाई बाजारों में Japan Nikkei और Korea Kospi 2% की बढ़त पर रहे, जबकि S&P 500 और Nasdaq में लगभग 1% की तेजी रही।
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5. FII फैक्टर
25 नवंबर को FIIs ने भारतीय शेयरों में ₹785 करोड़ की खरीदारी की। कम कच्चे तेल की कीमत, डॉलर और 10-साल ट्रेजरी यील्ड में गिरावट से विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में भरोसा दिखाया।
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भारतीय शेयर बाजार का आउटलुक
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, घरेलू बाजार अगले साल ग्रोथ के लिए तैयार है। Q2FY26 में भारतीय कॉर्पोरेट्स की आय उम्मीद से बेहतर रही। मांग और नीति में सुधार से मजबूती की संभावना है।
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डिस्क्लेमर
शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।