अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की जनवरी 2023 में रिसर्च रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से सच्चाई पता लगाने को कहा था।
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर आरोप लगाते हुए रिपोर्ट जारी की। इसके बाद अडानी ग्रुप पर जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिकाएं दायर हुई थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च 2023 को सेबी को अडानी-हिंडनबर्ग केस की जांच के आदेश दिए थे। छह सदस्यों की एक्सपर्ट कमेटी बनाई। जिसकी अध्यक्षता पूर्व जस्टिस एएम सप्रे को सौंपी गई।
मई 2023 में कोर्ट ने सेबी को 3 महीने में हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच पूरी कर रिपोर्ट जमा करने को कहा। सेबी ने बताया, 24 में से 22 मामलों की रिपोर्ट फाइनल, 2 की अंतरिम रिपोर्ट है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जो आरोप लगाए गए उनमें कहा गया कि गौतम अडानी और उनके ग्रुप ने पैसे गलत तरीके से दुबई और मॉरीशस भेजे। फिर उन्हीं पैसों को वापस अडानी के शेयर में निवेश किया गया।
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा, इसी निवेश के जरिए अडानी के शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव कराया गया और शेयर होल्डर्स के हितों से खिलवाड़ किया गया।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। कई आऱोप में एक में कहा गया कि शेयरों में पैसे लगाने वाले FPI कहीं न कहीं अडानी ग्रुप से जुड़े हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर बाजार में लिस्टेड स्टॉक्स 85 फीसदी नीचे आ गए थे। जिससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ था।