अंतरिम बजट वो बजट होता है, जिसे हमेशा चुनावी साल में पेश किया जाता है। चूंकि, इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं, इसलिए उससे पहले आनेवाला बजट अंतरिम बजट है।
पूर्ण बजट को केंद्रीय बजट (Union Budget) भी कहते हैं। यूनियन बजट किसी चुनी हुई सरकार द्वारा संसद में पेश किया जाता है। ये एक वार्षिक बजट होता है, इसलिए इसे पूर्ण बजट भी कहते हैं।
अंतरिम बजट संसद में बिना किसी चर्चा के पेश किया जाता है, जिसे 'वोट ऑन अकाउंट' (Vote on the account) भी कहते हैं। वहीं, पूर्ण बजट लोकसभा में पूरी चर्चा के बाद ही पारित किया जाता है।
अंतरिम बजट में पिछले वित्त वर्ष के इनकम और खर्चों का एक सामान्य ब्योरा पेश किया जाता है। वहीं, पूर्ण बजट में पिछले वित्त वर्ष के आय और व्यय का विवरण विस्तार से बताना होता है।
अंतरिम बजट में किसी भी तरह की नई योजनाओं का ऐलान नहीं किया जाता है। वहीं, पूर्ण बजट पूरे वित्त वर्ष के लिए पेश किया जाता है, इसलिए इसमें नई योजनाओं की घोषणा की जाती है।
अंतरिम बजट चुनावी साल के दौरान, आगामी वित्त वर्ष के करीब 2-4 महीने की अवधि के लिए पेश किया जाता है। अंतरिम बजट के बाद जब चुनी हुई सरकार आती है तो पूर्ण बजट पेश किया जाता है।
बता दें कि निर्मला सीतारमण से पहले 2019 में अरुण जेटली के बीमार पड़ने के बाद वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था।
मोदी सरकार जब मई, 2019 में दूसरी बार सत्ता में आई तो निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्री बनाया गया था। इसके बाद उन्होंने 5 जुलाई, 2019 को पूर्ण बजट पेश किया था।