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सिर्फ 2.7 किमी के लिए फ्लाइट, पढ़ें हवाई जहाज से जुड़ी 10 रोचक बातें

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आप उड़ान के दौरान हवाई जहाज का दरवाजा नहीं खोल सकते

कभी ये डर सताया हो कि उड़ान के दौरान प्लेन का दरवाजा खुल सकता है, तो बेफिक्र रहिए। इस दौरान प्लेन का दरवाजा खोलना नामुमकिन है।इसे खोलने के लिए 9000 किलो वजन उठाने जितनी ताकत चाहिए।

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हवाई जहाज ऊंचाई पर उड़ते हैं पैसे बचाने के लिए, सुरक्षा के लिए नहीं

हवाई जहाज आमतौर पर 35,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं। यहां उड़ने से हवा पतली होती है, जिससे घर्षण कम होता है और ईंधन की बचत होती है। इससे एयरलाइंस करोड़ों रुपये बचाती हैं।

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जेट इंजन को ठंडी हवा पसंद है

जेट इंजन ठंडी हवा में बेहतर काम करते हैं। ऊंचाई पर तापमान -50 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है, जिससे इंजन हवा को बेहतर कंप्रेस्ड कर पाता है और कम ईंधन में अधिक ताकत पैदा करता है।

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हवाई जहाज एक इंजन पर भी सुरक्षित उड़ सकता है

अधिकांश हवाई जहाज एक इंजन फेल होने पर भी सुरक्षित उड़ सकते हैं और वे सुरक्षित लैंडिंग कर सकते हैं। जैसे कि बोइंग 747 बिना इंजन के भी 17000 फीट पर ग्लाइड कर सकता है।

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हवाई जहाज का खाना अच्छा क्यों नहीं लगता?

केबिन की शुष्क हवा और कम दबाव आपके स्वाद और सूंघने की शक्ति को कमजोर कर देती है, जिससे खाने का स्वाद भी कम महसूस होता है। उमामी फ्लेवर उड़ान के दौरान बेहतर लगता है।

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आकाशीय बिजली से प्लेन को कोई नुकसान नहीं होता

हवाई जहाजों पर हर साल लगभग एक बार बिजली गिरती है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। अब हवाई जहाज बिजली से सुरक्षित हैं। 1967 के बाद से कोई भी प्लेन बिजली गिरने से नहीं क्रैश हुआ है।

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दुनिया की सबसे छोटी फ्लाइट सिर्फ 90 सेकंड की

यदि 45 मिनट की फ्लाइट छोटी लगती है, तो स्कॉटलैंड के वेस्ट्रे और पापा वेस्ट्रे के बीच फ्लाइट को क्या कहेंगे? यह फ्लाइट सिर्फ 2.7 km दूरी तय करती है और 90 सेकंड में पूरी हो जाती है।

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फ्लाइट में गैस ज्यादा महसूस क्यों होती है?

उड़ान के दौरान केबिन का दबाव कम हो जाता है, जिससे आपके शरीर में मौजूद गैस फैलती है। इस कारण आपको पेट में फूला हुआ महसूस हो सकता है। यह पूरी तरह से सामान्य है।

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पायलट और को-पायलट अलग-अलग खाना खाते हैं

खाने में जहर से बचने के लिए एयरलाइंस पायलट और को-पायलट को अलग-अलग खाना खाने की सलाह देती हैं। अगर एक पायलट बीमार हो जाए, तो दूसरा सुरक्षित लैंडिंग कर सके।

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मोबाइल फोन से प्लेन के डिवाइस को खतरा नहीं होता

मोबाइल से प्लेन के डिवाइस को कोई खतरा नहीं होता। फ्लाइट मोड इसलिए जरूरी होता है ताकि फोन की सिग्नल्स जमीन के नेटवर्क में हस्तक्षेप न करें। इसलिए फ्लाइट मोड में रखना बेहतर होता है।

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