हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है, क्योंकि 1949 में इसी दिन फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बने थे।
भारतीय सेना सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात है, जो समुद्र तल से 5,400 मीटर की ऊंचाई पर है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है।
1990 में, भारतीय सेना ने कुवैत से 1,70,000 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित निकाला था। यह अब तक की सबसे बड़ी नागरिक निकासी मानी जाती है।
भारतीय सेना दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी बल है। इसमें कोई भी सैनिक मजबूरी में नहीं आता, सभी अपनी मर्जी से सेना में शामिल होते हैं।
गुरखा रेजिमेंट अपने नारे "किसी से नहीं डरते" के लिए प्रसिद्ध है। उनके बलिदान और बहादुरी के किस्से पूरी दुनिया में सराहे जाते हैं।
18 वर्षीय अब्दुल हमीद को 1965 के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
1962 के भारत-चीन युद्ध में हार के बावजूद, 1967 में भारतीय सेना ने चीन को नाथु ला और चो ला की लड़ाइयों में करारी शिकस्त दी थी।
1984 में भारतीय सेना ने ऑपरेशन मेघदूत के तहत सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जा किया, जिससे यह क्षेत्र भारत के नियंत्रण में आया।
भारतीय सेना भूटान की सुरक्षा सुनिश्चित करती है और इसके लिए नियमित रूप से सेना प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करती है।
भारतीय सेना ने अंटार्कटिका पर 1982 में अपना अभियान शुरू किया और वहां भारत का वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र स्थापित किया।
भारतीय सेना का "कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स" पुल, सड़क और एयरफील्ड जैसी संरचनाओं को बनाने में माहिर है। यह कोर युद्ध और शांति के समय दोनों में योगदान देता है।
सेना के इन अद्भुत तथ्यों से यह साफ है कि भारतीय सेना सिर्फ हमारी सीमाओं की रक्षा नहीं करती, बल्कि यह हमारे गौरव और गर्व का प्रतीक भी है।