15 अगस्त 1947 से ठीक एक दिन पहले, लॉर्ड और लेडी माउंटबेटन ने भारतीय बच्चों के साथ मिलकर भारत की आजादी का जश्न मनाया।
15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी की घोषणा के मौके पर लॉर्ड लुई माउंटबेटन मौजूद थे। माउंटबेटन (1900–1979) भारत के आखिरी वायसराय थे।
15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी के ऐलान के मौके पर जवाहरलाल नेहरू और लॉर्ड माउंटबेटन एक साथ मौजूद थे। पंडिल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने।
15 अगस्त 1947 को आजादी की घोषणा होते ही दिल्ली खुशी से झूम उठी। लाल किला पर लोग झंडे लहराते, नारे लगाते और एक-दूसरे को गले लगाकर इस ऐतिहासिक पल का जश्न मना रहे थे।
15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ, तब मुंबई (तब बॉम्बे) की सड़कों पर खुशियों का सैलाब उमड़ पड़ा। लोग तिरंगा लेकर जुलूस में शामिल हुए, पटाखे फोड़े, गानों के साथ आजादी का जश्न मनाया।
15 अगस्त को जब भारत ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ, तो कोलकाता की सड़कों पर लोग खुशी से झूम उठे। हर तरफ नारे, गाने और तिरंगे के साथ आजादी का उत्सव मनाया गया।
15 अगस्त 1947 को आजादी के दिन मुंबई (तब बॉम्बे) के गोवालिया टैंक मैदान में बीजी खेर ने लोगों को संबोधित किया। उनके शब्दों में आजादी की खुशी और देशभक्ति की झलक साफ दिखाई दे रही थी।
पंडित जवाहरलाल नेहरू की यह तस्वीर 8 फरवरी 1947 को पिक्चर पोस्ट पत्रिका में “इंडिया-द लास्ट चांस” शीर्षक के साथ प्रकाशित हुई थी।
15 अगस्त 1947 को भारत का पहला स्वतंत्रता दिवस बॉम्बे (अब मुंबई), महाराष्ट्र में पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया गया। लोग बैनर लेकर सड़कों पर उतर गए।
15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मशहूर वकील और स्वतंत्रता सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, जो तब पश्चिम बंगाल के नए गवर्नर बने थे, सरकारी भवन की खिड़की से नजर आ रहे थे।