कोलकाता की घटना के बाद SMCH ने महिला डॉक्टरों के लिए ऐसी एडवाइजरी जारी कर दी कि उसकी निंदा हो रही है। जानिए इस एडवाइजरी में क्या कहा गया।
महिला डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को रात के समय सुनसान और कम रोशनी वाले क्षेत्रों में अकेले घूमने से बचने की सलाह दी गई है।
जब तक बहुत जरूरी न हो, हॉस्टल या रूम छोड़ने से बचें और अगर बाहर जाना पड़े तो संबंधित ऑफिसर को पूर्व सूचना दें।
देर रात कैंपस से बाहर जाने से बचें और सुरक्षा मानकों का पालन करें। अज्ञात और संदिग्ध व्यक्तियों से दूर रहें और आपातकालीन संपर्क साधन हमेशा तैयार रखें।
कई छात्र और कर्मचारी इस एडवाइजरी को आलोचनात्मक नजरिए से देख रहे हैं। उनका कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने के बजाय उन्हें अपने कमरों में रहने के लिए कहा जा रहा है।
एक महिला डॉक्टर ने कहा कि वह अक्सर पुरुष कर्मचारियों से छेड़छाड़ का सामना करती हैं और अब उन्हें कैंपस में सुरक्षा देने के बजाय कमरे में बंद रहने को कहा जा रहा है।
एसएमसीएच के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीएस) ने एडवाइजरी के शब्दों को परेशान करने वाला बताया और सुरक्षा में सुधार की मांग की।
विरोध के बाद कहा गया कि मौजूदा एडवाइजरी को वापस लिया जाएगा और एक नई एडवाइजरी जारी की जाएगी।
इस पूरे विवाद ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या सुरक्षा उपायों में सुधार के बजाय केवल चेतावनी देने से समस्याओं का समाधान होगा?