ज्यादातर 7 साल के बच्चों को बेसिक मैथ्स और साइंस सीखना टफ लगता है, वहीं हिमाचल के अकृत प्राण जसवाल ने 7 साल की उम्र में सर्जरी की।उसे दुनिया का सबसे कम उम्र का सर्जन करार दिया गया।
अकृत प्राण जसवाल के जन्म से ही असाधारण संकेत मिलने लगे थे। कथित तौर पर महज 10 महीने की उम्र में अकृत में चलने और बात करने जैसे शुरुआती लक्षण दिखाई दे रहे थे।
जब वह दो साल के थे, तब से वह पढ़ना और लिखना शुरू कर चुके थे। 5 साल की उम्र में अंग्रेजी क्लासिक्स पढ़ने के बाद, 7 साल की उम्र में अपनी अद्भुत उपलब्धि से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।
हिमाचल प्रदेश के नूरपुर के रहने वाले अकृत प्राण जसवाल तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 8 साल की जली हुई बच्ची के हाथ की सर्जरी की।
12 साल की उम्र में,अकृत प्राण जसवाल फिर सुर्खियों में आये जब वह देश में सबसे कम उम्र के विश्वविद्यालय छात्र बन गये। 13 साल में उनके पास अपने आयु वर्ग में सबसे अधिक आईक्यू (146) था।
अकृत कथित तौर पर कैंसर का पता लगाने के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में काम कर रहे हैं।
एक मेडिकल जीनियस के रूप में जाने जाने वाले अकृत ने बायोइंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया।
12 साल की उम्र में, अकृत ने साइंस की पढ़ाई करने के लिए चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। 17 साल की उम्र में, वह एप्लाइड केमिस्ट्री में मास्टर डिग्री हासिल कर रहे थे।