अंबेडकर का परिवार रत्नागिरी से ताल्लुक रखता था। 14 अप्रैल 1891 में उनका जन्म मध्यप्रदेश के महू में हुआ था। वे महार जाति से आते थे।
भीमराव अंबेडकर की शुरुआती पढ़ाई दापोली और सतारा में हुई थी। 1907 में बंबई के एलफिन्स्टोन स्कूल से 10वीं क्लास पास हुए।
बड़ौदा नरेश सयाजी राव गायकवाड की तरफ से फेलोशिप पाकर 1912 में अंबेडकर ने मुबई विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन कंप्लीट किया।
बड़ौदा राजपरिवार से दोबारा फैलोशिप पाकर अंबेडकर ने अमेरिका के कोलंबिया से पीजी किया और 'प्राचीन भारत का वाणिज्य' में शोध लिखा।
पढ़ाई पूरी होने के बाद भीमराव ने मुंबई के सिडनेम कॉलेज में बतौर प्रोफेसर नौकरी की। 1923 में लंदन यूनिवर्सिटी ने डॉक्टर की उपाधि दी।
दुनियाभर को युवाओं की प्रेरणा अंबेडकर के पास बीए, एमए, एम.एससी, पीएच.डी, बैरिस्टर, डीएससी आदि कुल 32 डिग्रियां थीं।
अंबेडकर ने लेबर पार्टी बनाय था। संविधान समिति के अध्यक्ष भी रहे। देश के पहले कानून मंत्री रहे। हमेशा गरीबों-नीचे तबकों की आवाज उठाते रहे।
बाबा साहब ने पहला आम चुनाव बॉम्बे नॉर्थ सीट से लड़ा लेकिन हार गए। दो बार राज्यसभा सांसद चुने गए। भारत रत्न से सम्मानित हैं।