Education

पहली ट्रांसजेंडर सिविल सर्वेंट

ऐश्वर्या ऋतुपर्णा प्रधान देश की पहली ट्रांसजेंडर सिविल सर्वेंट हैं। यहां तक का सफर उनके लिए काफी मुश्किलों भरा रहा है।

Image credits: Google

स्कूल में बेइज्जती, कॉलेज में यौन शोषण

ऐश्वर्या के सामने कई चुनौतियां आई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। स्कूल में टीचर्स ने उनकी बेइज्जती की और कॉलेज के हॉस्टल में उनका यौन शोषण हुआ था।

Image credits: Google

मेंटल ट्रामा से गुजरकर रचा इतिहास

ऐश्वर्या ऋतुपर्णा प्रधान संघर्षों के बावजूद खुद को हारा नहीं माना। मेंटल ट्रामा से खुद को बाहर निकाला और देश की पहली ट्रांसजेंडर सिविल सर्वेंट बनीं।

Image credits: Google

6वीं क्लास से बदली लाइफ

ओडिशा के कंधमाल के कतिबागेरी गांव की ऐश्वर्या ऋतुपर्णा प्रधान ने 6वीं क्लास से खुद को एक महिला की तरह ट्रीट करना शुरू किया था।

Image credits: Google

टीचर ने की बेइज्जती

जब ऋतुपर्णा प्रधान स्कूल में थीं, तब सेक्सुअल ओरिएंटेशन के चलते एक टीचर ने उनकी खूब बेइज्जती की थी। क्लास में बुरा बर्ताव किया जाता था।

Image credits: Google

IIMC से ग्रेजुएशन

हर तरह से दुर्व्यवहार सहते हुए उन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की और ग्रेजुएशन के लिए IIMC में एडमिशन लिया और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पीजी भी किया।

Image credits: Google

पहली ट्रांसजेंडर सिविल सर्वेंट

साल 2010 में ऐश्वर्या ऋतुपर्णा प्रधान ने बतौर एक पुरुष कैंडिडेट ओडिशा की राज्य सिविल सेवा परीक्षा पास की और देश की पहली ट्रांसजेंडर सिविल सर्वेंट बनीं।

Image credits: Google

पुरुष से महिला बनीं

सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में जब ट्रांसजेंडर को तीसरे जेंडर के रूप में मान्यता दी, तब उन्होंने जेंडर पुरुष से महिला में बदला और अपना नाम रखा ऐश्वर्या ऋतुपर्णा प्रधान।

Image credits: Google