14 अप्रैल को भारत महान समाज सुधारक और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाता है।
इस खास मौके पर आइए जानते हैं बाबा साहेब के वो प्रेरणादायक विचार, जो आज भी लाखों लोगों को आगे बढ़ने की ताकत देते हैं।
"शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो।"
(Be Educated, Be Organized, and Be Agitated.)
"हम सबसे पहले और अंत में, भारतीय हैं।"
(We are Indians, firstly and lastly.)
"अगर मुझे लगा कि संविधान गलत है, तो मैं सबसे पहले उसे जलाऊंगा।"
(If I find the constitution being misused, I shall be the first to burn it.)
"जो व्यक्ति अपने अधिकारों के लिए नहीं खड़ा होता, वह स्वयं उन्हें खो देता है।"
(A person who does not stand for his rights loses them.)
"मनुष्य नश्वर है. वैसे ही विचार भी नश्वर हैं. एक विचार को प्रचार और चर्चा से जिंदा रखा जा सकता है।"
"स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं है कि जो मन में आए वो करो, बल्कि इसका मतलब है—वो करो जो सही है।"
(Freedom of mind is the real freedom.)
"किसी का किया हुआ अपमान सहना भी एक अपराध है।"
(Tolerating injustice is itself an injustice.)
"जो इतिहास को याद नहीं रखते, वे उसे दोहराने को मजबूर होते हैं।"
(Those who forget history are condemned to repeat it.)
"उदासीनता लोगों को गुलाम बना देती है।"
(Indifference is the sign of a slave mind.)
महान व्यक्ति एक आम इंसान की तरह ही व्यवहार करता है, जब वह महानता प्राप्त कर लेता है।
great man is different from an eminent one in that he is ready to be the servant of the society.