राम मंदिर पूरी तरह तैयार होने के बाद लोगों के मन में एक सवाल सबसे ज्यादा है कि यहां पुजारी कैसे चुने जाते हैं और उन्हें कितनी तनख्वाह मिलती है? जानने के लिए आगे पढ़ें।
विवाह पंचमी के मौके पर 25 नवंबर 2025 को राम लला मंदिर पर केसरिया ध्वज फहराया गया। यह दिन वह माना जाता है जब भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। पीएम मोदी ने ध्वज आरोहण किया।
राम मंदिर के सभी पुजारी और स्टाफ की नियुक्ति श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट करता है।
राम मंदिर में पुजारी बनने के लिए जरूरी योग्यता तय हैं जिसमें- संस्कृत, वेद, धार्मिक ग्रंथों का गहरा ज्ञान, अनुशासित-धार्मिक जीवनशैली, बड़े मंदिर में पूजा कराने का अनुभव शामिल है।
पुजारी के लिए उम्मीदवारों का चयन कई चरण में होता है। जिसमें- इंटरव्यू, पूजा विधि का प्रैक्टिकल टेस्ट लिया जाता है। इन दोनों के बाद ही अंतिम चयन होता है।
ट्रस्ट ने हाल ही में पुजारियों और मंदिर स्टाफ की सैलरी बढ़ाई है। नई सैलरी के अनुसार मुख्य पुजारी की मंथली सैलरी 35,000 रुपए और सहायक पुजारी की मंथली सैलरी 33,000 रुपए हैं।
मंदिर प्रशासन से जुड़े कर्मचारियों की सैलरी की बात करें तो कोषाध्यक्ष व स्टोरकीपर को 24,000 रुपए और नए कोषाध्यक्ष को 19,000 रुपए मंथली सैलरी मिलती है।
ट्रस्ट ने एक व्यवस्था बनाई है कि मंदिर की पूजा व्यवस्था और प्रशासन सुचारू चले, इसके लिए कर्मचारियों की सैलरी से कुछ राशि प्रशासनिक फंड में जाएगी।
ट्रस्ट ने वार्षिक इन्क्रीमेंट सिस्टम भी शुरू किया है। यानि राम मंदिर के पुजारियों और स्टाफ की सैलरी हर साल बढ़ेगी। इससे मंदिर सेवा से जुड़े लोगों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।