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ऐसे बनायें काउंसलिंग साइकोलॉजी में शानदार करियर, कोर्स, जॉब ऑप्शन

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काउंसलिंग साइकोलॉजी क्या है?

काउंसलिंग साइकोलॉजी प्रोफेशनल साइकोलॉजी की एक स्पेशलिटी है जो मेंटल, इमोशनल और बिहेवियर संबंधी परेशानी का अनुभव करने वाले कस्टमर को मेडिकल ट्रीटमेंट प्रदान करने पर केंद्रित है।

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काउंसलिंग साइकोलॉजी की डिमांड

भारत में मेंटल हेल्थ को लेकर संकोच धीरे-धीरे कम हो रहा है और मेंटल वेल-बिइंग के महत्व की समझ को मान्यता मिल रही है, जिससे काउंसलिंग साइकोलॉजी की मांग बढ़ रही है।

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काउंसलिंग साइकोलॉजी कोर्स

इस डेवलपमेंट का कारण भारत के विश्वविद्यालयों में विभिन्न काउंसलिंग साइकोलॉजी कोर्स की शुरूआत भी है, जिससे अधिक लोगों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

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भारत में काउंसलिंग साइकोलॉजी का दायरा

काउंसलिंग साइकोलॉजी का दायरा अब शैक्षणिक संस्थानों, कॉर्पोरेट संगठनों, अस्पतालों, पुनर्वास केंद्रों और यहां तक ​​कि निजी मेडिकल सेटअप समेत अन्य क्षेत्रों तक बढ़ा है।

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काउंसलिंग साइकोलॉजी के अंतर्गत कैरियर विकल्प

साइकोलॉजी फील्ड में चुनने के लिए विभिन्न करियर पथ हैं। भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तियों की सहायता करने के लिए काउंसलिंग साइकोलॉजी बनने का विकल्प चुन सकते हैं।

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करियर काउंसलर

वैकल्पिक रूप से करियर काउंसलर के रूप में अपना करियर बना सकते हैं, व्यक्तियों को उनके प्रोफेशनल पाथ के बारे में उचित निर्णय लेने में मार्गदर्शन कर सकते हैं।

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रिलेशनशिप थेरेपी

रिलेशनशिप थेरेपी एक अन्य विकल्प है, जहां मनोवैज्ञानिक कपल्स और परिवारों के झगड़ों को सुलझाने में मदद करते हैं। बाल मनोविज्ञान में रुचि रखने वाले लोग बाल परामर्शदाता बन सकते हैं।

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पुनर्वास परामर्श फील्ड में काम

इच्छुक मनोवैज्ञानिक विकलांग व्यक्तियों को उनके लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता करते हुए पुनर्वास परामर्श फील्ड में भी काम कर सकते हैं।

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मेडिकल हेल्प

मेंटल हेल्थ चैलेंजेज का सामना करने वाले व्यक्तियों को मेडिकल हेल्प दे सकते हैं। अन्य संभावित विकल्प साइकोमेट्रिक्स है, जिसमें साइकोलॉजिकल टेस्टिंग, एनालिसिस एडमिनस्ट्रेशन शामिल है।

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न्यूरोसाइकोलॉजी

साइकोलॉजी और न्यूरोसाइंस के अंतर्संबंध में रुचि रखने वाले लोग ब्रेन और बिहेवियर के बीच संबंधों का अध्ययन करके न्यूरोसाइकोलॉजी में अपना करियर बना सकते हैं।

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काउंसलिंग साइकोलॉजी योग्यता

भारत में काउंसलिंग साइकोलॉजी में करियर बनाना साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन की डिग्री से शुरू होता है, उसके बाद काउंसलिंग साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री और पीएचडी होती है।

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कॉलेज, डिग्री

भारत में कई विश्वविद्यालय ये कोर्स ऑफर करते हैं, जिससे छात्रों के लिए इस क्षेत्र में अपने करियर को आगे बढ़ाना आसान हो जाता है। 

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एक्टिविटीज

नियमित वर्कशॉप, सेमिनार और सर्टिफिकेशन चिकित्सकों को क्षेत्र में नवीनतम रुझानों और प्रथाओं से अपडेट रख सकते हैं।

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