केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने छत्तीसगढ़ में पीएम एसएचआरआई योजना शुरू करने के बाद कहा कि एनईपी 2020 का एक उद्देश्य छात्रों के स्ट्रेस को कम करना भी है।
छात्रों बोर्ड एग्जाम स्ट्रेस को कम करने के लिए ही अब एकेडमिक ईयर 2025-26 तक छात्रों को 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार देने का ऑप्शन मिलेगा।
साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प पूरी तरह से ऑप्शनल होगा जिसके लिए छात्रों पर कोई दबाव नहीं होगा।
यानी छात्र अपनी मर्जी से एक बार या दो बार बोर्ड एग्जाम देने का ऑप्शन सेलेक्ट कर सकते हैं।
पिछले साल अगस्त में शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित नए प्रेमवर्क (एनसीएफ) के अनुसार छात्रों के लिए यह विकल्प लाया गया।
इसका उद्देश्य छात्रों को अच्छा परफॉर्म करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर सुनिश्चित करना है। यही वजह है कि बोर्ड परीक्षाएं साल में कम से कम दो बार आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
छात्रों को अपना बेस्ट स्कोर बरकरार रखने का विकल्प भी मिलेगा। दोनों परीक्षाओं में शामिल होने के बाद प्राप्त बेस्ट स्कोर के साथ छात्र आगे बढ़ सकते हैं।
एनईपी के माध्यम से पीएम मोदी का उद्देश्य छात्रों को तनाव मुक्त रखना, उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से समृद्ध करना और भविष्य के लिए तैयार करना है।