यूनियन बजट 2024 छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश की इकोनॉमी को शेप देता है। इसके माध्यम से फाइनेंशियल प्लानिंग और सरकारी प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी मिलती है।
यूनियन बजट देश की फाइनेंशियल प्लानिंग है जो आमतौर पर एक वर्ष में अपेक्षित आय और व्यय की रूपरेखा तैयार करती है।
स्वतंत्र भारत का पहला यूनियन बजट 26 नवंबर, 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था।
औपनिवेशिक परंपरा से बजट फरवरी के आखिरी दिन शाम 5 बजे पेश होता था। 1999 में वाजपेयी सरकार में समय बदला गया। तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया।
2017 में बजट प्रस्तुति की तारीख को बदलकर 1 फरवरी कर दिया गया था ताकि सरकार मार्च के अंत तक पार्लियामेंट्री अप्रूवल प्रोसेस को पूरा कर सके और 1 अप्रैल से इसे लागू किया जा सके।
पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। उन्होंने पीएम नेहरू, बाद में पीएम लाल बहादुर शास्त्री के वित्त मंत्री के रूप में कुल 10 बजट पेश किए।
पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने 9 बार बजट पेश किया। उन्होंने पहली बार 19 मार्च 1996 को प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान बजट पेश किया था।
प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 8 बजट पेश किए। उन्होंने 1982, 1983 और 1984 में फिर फरवरी 2009 और मार्च 2012 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच लगातार पांच बजट पेश किए जब वह पी वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे।
1977 में हिरूभाई मुल्जीभाई पटेल का अंतरिम बजट भाषण अब तक का सबसे छोटा भाषण मात्र 800 शब्दों का है।
सीतारमण के पास सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड है, जब 1 फरवरी, 2020 को उनकी प्रस्तुति दो घंटे और 40 मिनट तक चली थी। उन्होंने अपना भाषण छोटा कर दिया तब भी दो पन्ने बाकी थे।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज, 23 जुलाई को संसद में यूनियन बजट 2024 पेश करने के लिए तैयार हैं, जो उनका लगातार सातवां बजट है।