अकाउंटिंग में करियर शुरू करना अवसरों का खजाना खोलने जैसा है। रिसर्च में पुष्टि हुई है कि अकाउंटेंसी और फाइनेंस में प्रारंभिक कैरियर भविष्य में लीडरशिप रोल का आधार तैयार करता है।
अधिक से अधिक सीईओ अकाउंटिंग और फाइनेंस बैकग्राउंड से हैं क्योंकि वे बिजनेस को बेहतर ढंग से समझते हैं।
अकाउंटेंट के तौर पर शुरुआत कर रहे हैं तो डेली रिस्पांसिबिलिटी में प्रैक्टिकल एक्सपीरिंएस और समझ प्राप्त करने के लिए इंटर्नशिप या बिगनर पोस्ट पर विचार करना चाहिए।
नेटवर्किंग भी जरूरी है। इंडस्ट्री प्रोग्राम्स में शामिल होने और बड़े प्रोफेशनल्स के साथ जुड़ने से बेहतरीन एडवाइज के अवसर और संभावित नौकरी रेफरल प्राप्त हो सकते हैं।
नौकरी चाहने वालों को रेलिवेंट स्किल, एक्सपीरिएंस और सर्टिफिकेट पर प्रकाश डालते हुए अपना बायोडाटा तैयार करना चाहिए।
अकाउंटिंग से संबंधित जेनरल क्वेश्चन की प्रैक्टिस करके और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल का प्रदर्शन करके इंटरव्यू की तैयारी करना उम्मीदवारों को कंपीटिशन में औरों से अलग कर सकता है।
अकाउंटेंसी बिजनेस की भाषा है, जो संगठनों को अपने फाइनांशियल हेल्थ का आकलन करने, रणनीतिक निर्णय लेने और बदलते और गतिशील रेगुलेटरी स्टैंडर्ड का अनुपालन करने में सक्षम बनाता है।
बुनियादी बातों से शुरुआत करना महत्वपूर्ण है। डेबिट और क्रेडिट जैसे बुनियादी सिद्धांतों को समझें, वित्तीय इंकम डिटेल, बैलेंस शीट और कैश फ्लो डिटेल पढ़ें। एक्रुअल अकाउंटिंग को समझें।
अकाउंटेंसी, फाइनेंस या संबंधित क्षेत्र में स्नातक की डिग्री एक मजबूत आधार प्रदान करती है, जो कर नियमों से लेकर ऑडिटिंग प्रथाओं तक कई विषयों को कवर करने वाले कोर्स ऑफर करती है।
इसके अतिरिक्त, प्रोफेशनल सर्टिफिकेट प्राप्त करना उत्कृष्टता को दिखाता है और अच्छे रोल और बढ़िया सैलरी पाने के द्वार खोलता है।
डिजिटल युग में, तकनीकी दक्षता एक जरूरी आवश्यकता है। नए जमाने की कंपनियों को भी नवीन सोच और विचार प्रक्रियाओं की जरूरत है, खासकर नए जमाने के बिजनेस मॉडल और कंपनियों में।
तकनीकी रूप से, अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर, स्प्रेडशीट प्रोग्राम और एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सिस्टम में दक्षता सर्वोपरि है।
क्विकबुक, माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, एसएपी जैसे सॉफ्टवेयर टूल को समझने से दोहराए जाने वाले कार्यों को सुव्यवस्थित करने, सटीकता बढ़ाने, डेटा विश्लेषण, बजटिंग दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक और स्वीकृत लेखा सिद्धांत जैसी अकाउंटिंग प्रणालियों की मूल बातें समझें क्योंकि ये विश्व में वित्तीय रिपोर्टिंग प्रथाओं का मार्गदर्शन करते हैं।
जैसे-जैसे बिजनेस ग्लोबल होते जाते हैं, कंपनियां अक्सर कई देशों में काम करती हैं। उन्हें विभिन्न accounting standards का पालन करना पड़ता है।