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Career Tips: सिर्फ डिग्री नहीं, नौकरी के लिए ये स्किल्स भी हैं जरूरी

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कॉलेज से पहली नौकरी तक का सफर, आसान नहीं

हर साल हजारों स्टूडेंट्स कॉलेज से निकलते हैं, लेकिन पहली जॉब पाते ही समझ आता है कि किताबों का ज्ञान काफी नहीं होता। असली दुनिया में खुद को साबित करने के लिए और भी बहुत कुछ चाहिए।

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जब स्किल्स की कमी बनती है सबसे बड़ा अड़चन

मान लीजिए कोई फ्रेशर इंटरव्यू देने गया, डिग्री तो है, लेकिन खुद को ठीक से इंट्रोड्यूस नहीं कर पा रहा, ऑफिस कल्चर की समझ नहीं है। यहीं से असली और पढ़ाई वाली दुनिया का फर्क दिखता है।

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री-स्किलिंग क्या होती है और क्यों जरूरी है?

री-स्किलिंग का मतलब  है, जो सीखा है उसमें आज के काम की जरूरतों के हिसाब से स्किल्स जोड़ना। जैसे कि प्रभावी ईमेल लिखना, Excel जैसे टूल्स का इस्तेमाल, टीम में सही तरीके से काम करना।

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सॉफ्ट स्किल्स, आज की सबसे बड़ी मांग

आज कंपनियों को सिर्फ टॉपर्स नहीं, ऐसे लोग चाहिए जो हर परिस्थिति में खुद को ढाल सकें। बोलने का तरीका, बॉडी लैंग्वेज, ड्रेसिंग जैसी छोटी-छोटी बातों से इंटरव्यू में फर्क पड़ता है।

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मॉड्यूलर ट्रेनिंग से आसान होता है करियर बनाना

अगर लंबे कोर्स बोरिंग लगते हैं, तो छोटी-छोटी ट्रेनिंग से शुरुआत करें। पहले एक हफ्ते में Excel सीखें, फिर अगले हफ्ते बिजनेस कम्युनिकेशन। इससे धीरे-धीरे स्किल्स पक्की होती जाती है।

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कंपनियों को चाहिए स्मार्ट वर्कर, सिर्फ मार्क्स नहीं

Wheebox की रिपोर्ट के मुताबिक, 78 प्रतिशत भारतीय कंपनियां उन कैंडिडेट्स को पसंद करती हैं जो री-स्किलिंग करके आए हैं। ऐसे लोग जल्दी एडजस्ट होते हैं, कम गाइडेंस लेते हैं।

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नई नौकरी के लिए सही होनी चाहिए आपकी तैयारी

अगर आप पहली जॉब के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो सिर्फ रिजल्ट पर मत टिके रहिए। खुद को री-स्किल कीजिए और अपने कॉन्फिडेंस और काबिलियत से ऑफिस में सबका भरोसा जीतिए।

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