राम विलास पासवान बिहार की राजनीति में सबसे प्रभावशाली नेताओं में से थे। वे बिहार में दलित सशक्तिकरण का चेहरा थे। और अब चिराग पासवान बिहार के नये दलित आइकॉन बनने की राह पर हैं।
लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान ने बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट जीती, जहां उन्होंने निकटतम राजद प्रतिद्वंद्वी को 1.70 लाख से अधिक वोटों से हराया।
एनडीए गठबंधन में उनकी पार्टी को आवंटित सभी पांच लोकसभा सीटें जीतकर, चिराग ने न 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट रखने के एलजेपी के पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को बनाए रखा है।
रामविलास पासवानऔर उनकी दूसरी पत्नी रीना पासवान के बेटे चिराग पासवान का जन्म 31 अक्टूबर 1982 को बिहार के खगड़िया में हुआ था। चिराग पासवान की एक बहन भी हैं।
चिराग पासवान ने दिल्ली के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की।
फिर चिराग पासवान ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी में बीटेक कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लिया लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।
राजनीति में प्रवेश करने से पहले उन्होंने ने बॉलीवुड में डेब्यू किया, लेकिन इसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली। उनकी पहली फिल्म मिले न मिले हम 2011 में एक्ट्रेस कंगना रनौत के साथ आई थी।
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही रामविलास पासवान ने बेटे को पार्टी का अध्यक्ष बना दिया था। चिराग पासवान ने ही बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट का नारा भी दिया है
चिराग पासवान के साल 2019 के चुनावी हलफनामे के अनुसार उनकी कुल प्रॉपर्टी 1.85 करोड़ रुपये है। जिसमें से 23.40 लाख बैंक जमा और 35.91 लाख के शेयर हैं। इसके अलावा 90 लाख का घर भी है।