कम आय वाले परिवारों के कई यूपीएससी उम्मीदवारों को सफलता से पहले गरीबी, सामाजिक दबाव सहित कई बाधाओं को पार करना पड़ता है। जानिए ऐसे ही कैंडिडेट उत्कर्ष गौरव की सफलता की कहानी।
बिहार के अमरगांव के मूल निवासी उत्कर्ष ने 12वीं कक्षा की शिक्षा पूरी की और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की। कुछ समय बाद ही उत्कर्ष ने UPSC की तैयारी शुरू कर दी।
उत्कर्ष के पिता एक किसान हैं, मां गृहिणी हैं। 2018 में बी.टेक की डिग्री हासिल करने के बाद वह दिल्ली में यूपीएससी कोचिंग में दाखिला लेने के लिए वहां चले गए।
दुर्भाग्य से कोचिंग में दाखिला लेने के बाद महामारी के प्रकोप के कारण COVID-19 लॉकडाउन के दौरान उन्हें अपने गृहनगर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उत्कर्ष को अपने गृहनगर में सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ा लोग घर पर बैठे रहने के लिए ताने देने लगे थे। लेकिन उनके मन में बड़ा सपना था। वे अपने गांव से UPSC की तैयारी कर रहे थे।
गांव में रह कर तैयारी करने से दिल्ली में रहने का खर्च कम करने में मदद मिली। उत्कर्ष की दृढ़ता का फल 2022 में मिला जब उन्होंने UPSC परीक्षा में AIR 709 हासिल किया।
UPSC में सफलता पाने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी खत्म कर दी थी। जब वह गांव में रहते थे तो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी ऑनइलान स्टडी करके पूरी की।
यू-ट्यूब की हेल्प से 4 घंटे तक सामान्य ज्ञान, ज्योग्रॉफी (वैकल्पिक विषय) के नोट्स बनाने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की। इंटरव्यू के समय दिल्ली में 7 मॉक इंटरव्यू दिए और वापस घर आ गए थे।
गांव वाले ताना देते थे- कहते थे कि इंजीनियरिंग करके बैठा हुआ है, लेकिन घर वालों ने समझाया और हार नहीं मानने दी। इसके बाद उन्होंने UPSC क्रैक करने की ठान ली। और सफलता हासिल की।
उत्कर्ष गौरव के अनुसार UPSC की तैयारी के लिए दृढ़ इच्छा होनी चाहिए। जब तीसरे प्रयास में वे प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाये तो पूरी तरह टूट चुके थे लेकिन फिर से तैयारी में लग गये थे।
उत्कर्ष गौरव का साल 2022 में चौथा अटैम्प्ट था, जिसमें मेंस और इंटरव्यू तक वह पहली बार पहुंचे। इस बार वे सभी राउंड्स को क्लियर करने में सफल रहे।