किस्मत ने खेला खेल, टूटा डॉक्टर बनने का सपना, फिर UPSC में मिली AIR...
Education Nov 02 2023
Author: Anita Tanvi Image Credits:social media
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भाग्य के फैसले को नकार दिया
अपने सपने को खोने के बाद अक्सर लोग टूट जाते हैं लेकिन आईएएस ऋषिता गुप्ता एक ऐसी शख्स हैं, जिन्होंने भाग्य के क्रूर फैसले से हिम्मत नहीं हारी और अपने हाथ की रेखाएं बदल दीं।
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12वीं साइंस लेकर पढ़ाई
ऋषिता गुप्ता बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहती थी। उनका परिवार हमेशा उनके सपने के पीछे था और सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करता था। ऋषिता गुप्ता ने स्कूल में साइंस स्ट्रीम के साथ पढ़ाई की।
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करियर को लेकर दृढ़ थी
वह मेडिकल फील्ड में अपना करियर बनाने को लेकर आश्वस्त थीं। वह पूरी तरह से 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटी हुई थीं। तभी भाग्य ने अपना खेल खेला।
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इस वजह से पढ़ाई पर नहीं कर पाई फोकस
ऋषिता गुप्ता के पिता का किसी बीमारी के कारण निधन हो गया। इस घटना ने ऋषिता को झकझोर कर रख दिया और वह अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाई।
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डॉक्टर बनने का सपना खत्म हो गया
परिणामस्वरूप वह मेडिकल स्कूल में एडमिशन के लिए आवश्यक अंक प्राप्त करने में असफल रही। इसके साथ ही उनका डॉक्टर बनने का सपना खत्म हो गया लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं खोई।
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अंग्रेजी विषय से ग्रेजुएशन
अंग्रेजी साहित्य में स्नातक करने का फैसला किया। ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में बैठने का फैसला किया।
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टॉप रैंक के साथ मिली सफलता
इसके बाद ऋषिता ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए पढ़ाई शुरू की और अपने समर्पण और दृढ़ता से उन्होंने 2018 में यूपीएससी परीक्षा में टॉप रैंक के साथ सफलता हासिल की।
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AIR 18 मिला
आईएएस ऋषिता गुप्ता ने यूपीएससी परीक्षा में अपने पहले प्रयास में अखिल भारतीय रैंक 18 हासिल की।